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भारत में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ हैं थिएरी डेलापोर्टे, जानिए कौन हैं ये और कितना मिलता है वेतन

फ्रांस में जन्मे थिएरी डेलापोर्टे साल 2020 में विप्रो के साथ जुड़े थे। वह इस आईटी कंपनी के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

Wipro CEO Thierry Delaporte (Credit: twitter/RishadPremji)
फिलहाल जब भारत का आईटी सेक्टर एक स्तर तक सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाली वर्कफोर्स बनाने में सफल रहा है, विप्रो के सीईओ थिएरी डेलापोर्टे (Thierry Delaporte) देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ के तौर पर उभरे हैं। वित्त वर्ष 2023 के लिए विप्रो कंपनी की फाइलिंग में यह जानकारी सामने आई है। डेलापोर्टे की सैलरी एचसीएल और टीसीएस के सीईओ से भी ज्यादा है। विप्रो की फाइलिंग के अनुसार डेलापोर्टे का वेतन 82 करोड़ रुपये साला से भी अधिक है। वहीं, आईटी सेक्टर में दूसरे सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सलिल पारेख हैं जो इन्फोसिस के सीईओ हैं। उनका वेतन 56.45 करोड़ सालाना का है।

जानिए कौन हैं थिएरी डेलापोर्टे

थिएरी डेलापोर्टे देश की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक विप्रो के सीईओ हैं। 93,400 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाली इस कंपनी में उनके पास सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद है। वित्त वर्ष 2023 में उनकी सालाना सैलरी 82.4 करोड़ रुपये रही। डेलापोर्टे का जन्म फ्रांस में हुआ था। ये भी पढ़ें: ‘मैंने खुद 85-90 घंटे काम किया’; Narayana Murthy ने बताया अपनी सफलता का राज

जुलाई 2020 में जुड़े विप्रो से

56 साल के डेलापोर्टे के पास ग्लोबल आईटी सेक्टर में तीन दशक का अनुभव है और इस क्षेत्र का गहन ज्ञान है। विप्रो का सीईओ बनने से पहले वह फ्रांस की आईटी कंपनी कैपजेमिनी में चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी (सीओओ) का पद संभाल रहे थे। जुलाई 2020 में उन्होंने विप्रो की बागडोर संभाली थी। डेलापोर्टे की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार उन्होंने पेरिस की पब्लिक यूनिवर्सिटी साइंसेज पो से इकनॉमी एंड फाइनेंस में ग्रेजुएशन की थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ग्रेजुएशन पूरी करने के तुरंत बाद जुलाई 1992 में ऑर्थर एंडरसन एंड को में एक्सटर्नल ऑडिटर के तौर पर की थी। ये भी पढ़ें: Earn Money Online: घर बैठे करना चाहते हैं कमाई? तो ये हैं 5 बेस्ट ऑप्शन! वहां तीन साल काम करने के बाद साल 1995 में वह कैपजेमिनी के साथ जुड़ गए थे जहां उन्होंने लगभग 25 साल बिताए।

विप्रो का कुछ ऐसा है इतिहास

बता दें कि विप्रो कंपनी की स्थापना मोहम्मद प्रेमजी ने साल 1945 में की थी। उनके असमय निधन के बाद इस कंपनी की कमान भारतीय अरबपति और समाजसेवी अजीम प्रेमजी ने अपने हाथ में ले ली थी। वर्तमान में अजीम प्रेमजी कंपनी के बोर्ड में नॉन एग्जीक्यूटिव सदस्य के तौर पर बने हुए हैं।


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