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LIC पॉलिसी से लेकर इंश्योरेंस KYC तक, आज से बदल गईं हर घर से जुड़ी ये 4 चीजें

Rules Changing From 1 November: आज से लोगों के निजी जीवन से जुड़े 4 बड़े बदलाव हो गए हैं, जिनका सीधा असर जेब पर पड़ेगा। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में...

LIC Policy
Personal Life Related Rules Changing From 1 November: यूं तो रोजाना कोई न कोई बदलाव होता है, लेकिन आज एक नवंबर से लोगों की निजी जिंदगी से जुड़े कई बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का सीधा असर लोगों पर पड़ेगा। लोगों की जेब और वर्किंग पर पड़ेगा। आज से बीमाधारकों के लिए केवाईसी के नियम बदल गए हैं। जीएसटी चालान करने का नियम भी बदल गया है। एलआईसी की पॉलिसी को लेकर भी एक बड़ा बदलाव हुआ है। आइए आज से होने जा रहे इन बदलावों के बारे में विस्तार से बात करते हैं... यह भी पढ़ें: Cylinder Price Hike: दिवाली से पहले फिर बढ़े गैस सिलेंडर के दाम, 100 रुपए से ज्यादा बढ़ी कीमत, नए रेट जान लें

बंद हुई LIC पॉलिसी फिर शुरू कीजिए

अगर आपने LIC पॉलिसी बंद करा दी है या बंद हो गई है तो आज से उसे फिर शुरू करा सकते हैं। बंद हुई LIC पॉलिसी को शुरू कराने के लिए आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी, लेकिन आगे भी आप उसे फिर चालू कर सकते हैं। एक से 3 लाख तक के एश्योर्ड टर्म वाली पॉलिसी शुरू करा सकते हैं। इसके लिए लेट फीस में 30 प्रतिशत या 3500 रुपये की छूट मिलेगी। 3 लाख रुपये से ज्यादा वाली पॉलिसी पर लेट फीस में 30 फीसदी या 4 हजार रुपये तक की छूट मिलेगी। यह भी पढ़ें: BSNL के ग्राहक रहें सावधान, हो रही बड़ी धोखेबाजी

इंश्योरेंस के लिए अब KYC कराना जरूरी

आज एक नवंबर से इंश्योरेंस के लिए KYC कराना भी जरूरी हो गया है। भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण ने सभी बीमा धारकों के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दी है। तुरंत प्रभाव से यह आदेश आज से लागू हुआ है। इस नए नियम का सीधा असर लोगों के इंश्योरेंस के लिए किए गए क्लेम पर पड़ेगा। KYC नहीं होने पर बीमा कंपनी अपने खर्चों से जुड़े क्लेम को कैंसिल कर सकती हैं। यह भी पढ़ें: क्या होता है Nifty, कैसे होता है अप-डाउन, शेयर बाजार के लिए क्यों है जरूरी

GST चालान अपलोड करने की तारीख बदली

आज से GST चालान पोर्टल पर 30 दिन के अंदर अपलोड करना होगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के अनुसार, 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का कारोबार करने वालों के लिए यह आदेश हैं। इन कारोबारियों को हर हाल में GST चालान 30 दिन के अंदर ही पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यह फैसला एक सितंबर को हुई बैठक में लिया गया था और इसे लागू एक नवंबर से किया जा रहा है, जिसकी सख्ती से पालन करना होगा, अन्यथा नुकसान उठाना पड़ेगा। कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ सकती है। यह भी पढ़ें: JIO ने फिर दी करोड़ों ग्राहकों को खुशखबरी, एयरटेल-वोडाफोन की उड़ी नींद!

डेरिवेटिव सेगमेंट में लेन-देन पर ज्याद शुल्क लगेगा

आज एक नवंबर से इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट पर लेन-देन करने की फीस बढ़ गई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने यह फैसला लिया है। यह बदलाव एसएंडपी सेंसेक्स ऑप्शन्स पर लागू होगा, लेकिन इस फैसले का व्यापारियों विशेषकर खुदरा निवेशकों पर असर पड़ेगा। नेगेटिव प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे लेन-देन की लागत बढ़ जाएगी।


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