TrendingMakar Sankranti 2025Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18Republic Day 2025Union Budget 2025

---विज्ञापन---

RBI Repo Rate में 9वीं बार कोई बदलाव नहीं, इसके क्या मायने? EMI पर क्या होगा असर

RBI Repo Rate Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति बैठक में रेपो रेट को लेकर घोषणा की है। 9वीं बार लगातार रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास। फाइल फोटो
RBI Repo Rate Monetary Policy August 2024: लगातार बढ़ती महंगाई के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में फिर से रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट पहले की तरह ही जस का तस है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को लेकर ऐलान किया कि इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और वो पहले की तरह 6.5 फीसदी पर बरकरार है।

9वीं बार भी नहीं हुआ बदलाव 

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट समान हैं। ऐसा लगातार 9वीं बार हो रहा है जब रेपो रेट नहीं चेंज किए गए हैं। फरवरी 2023 में आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव किया गया था। उस वक्त रेपो रेट को 0.25% बढ़ाकर 6.50% रुपये किया गया था।

क्या है मायने?

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने की वजह भी बताई है। महंगाई के कारण रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है, जिससे GDP की ग्रोथ को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहेगा। इससे पहले 3 महीने में 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2% रहने की उम्मीद हो सकती है। ये भी पढ़ें- Post Office Schemes: निवेश करने पर मिलेगा तगड़ा रिटर्न, ये हैं 3 खास योजनाएं

EMI पर क्या होगा असर?

मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान दास ने कहा कि रेपो रेट को यथावत रखा जा रहा है, जिसका मतलब है कि लोन की किस्तों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, अगर रेपो रेट में कटौती की जाती तो लोगों को होम लोन, पर्सनल लोन समेत अन्य तरह के लोन की किस्म में राहत मिल सकती थी। साल 2023 के बाद से लोगों के लिए रेपो रेट कम होने पर राहत भरी खबर नहीं रही है।

क्या है रेपो रेट?

आप बैंक से जिस तरह से लोन लेते हैं ठीक वैसे ही पब्लिक और कमर्शियल बैंक भी भारतीय रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं और इन बैंकों को भी ब्याज दर पर लोन मिलता है, जिसे रेपो रेट कहा जाता है। अगर रेपो रेट कम होता है तो बैंकों को आरबीआई से सस्ते में लोन मिलता है, लेकिन इसके बढ़ने पर बैंकों को ज्यादा ब्याज के साथ लोन मिलता है। ऐसे में आम लोगों पर असर पड़ता है। रेपो रेट बढ़ने पर बैंक को अधिक ब्याज के साथ लोन मिलेगा और फिर बैंक अपने ग्राहकों को भी अधिक ब्याज के साथ लोन प्रदान करेगा। जबकि, रेपो रेट कम होने पर लोन भी सस्ते में मिलेगा। ये भी पढ़ें- Aadhaar Card से कैसे लें Loan? इन स्टेप्स को फॉलो करके आसानी से मिल जाएगा पैसा


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.