दिल्ली में पॉल्यूशन की हालत अब किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए तमाम उपाय कर रही है और उनका पहला कदम है, ऐसी गाड़ियों पर रोक लगाना, जिनके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है. अगर आपके पास ये सर्टिफिकेट नहीं है तो आप किसी भी हाल में पेट्रोल पंप से पेट्रोल या डीजल नहीं भरवा सकते. ऐसी गाड़ियों को फ्यूल पंप पर रिफिल करवाने से मना किया जा सकता है. दिल्ली सरकार के नए नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाने के लिए 'पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल' (PUC) सर्टिफिकेट को जरूरी बना दिया गया है.
यह भी पढ़ें : सोने चांदी की कीमत बढ़ने की असली वजह आ गई सामने
---विज्ञापन---
कल से लागू हो रहे नए नियम
नए नियम कल यानी 18 दिसंबर से लागू हो रहे हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि ऐसे वाहनों को पेट्रोल डीजल नहीं दिया जाएगा, जिनके पास वैध PUC सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे में अगर आपके पास कोई भी ऐसी गाड़ी है जिसमें डीजल या पेट्रोल रिफिल कराने की जरूरत है तो अपने साथ आपको PUC यानी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट रखना ही होगा. हालांकि आप इसकी डिजिटल कॉपी भी दिखा सकते हैं या नहीं इसे लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं हैं.
---विज्ञापन---
पेट्रोल पंप के सभी कर्मियों को यह साफ निर्देश दिया गया है कि जब कि कार या वाहन मालिक उन्हें PUC सर्टिफिकेट नहीं दिखा देते हैं, वो तेल न भरें.
यह भी पढ़ें : 1 जनवरी से शुरू हो रही भारत टैक्सी, ओला-उबर की उड़ेगी नींद
दूसरी ओर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस भी मुस्तैद नजर आ रही है. दिल्ली में 8.66 लाख से अधिक वाहनों के चालान किए जा चुके हैं. बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली सरकार की तरफ से ऐसे कदम उठाए जा चुके हैं और इससे प्रदूषण से राहत मिली है.
पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट, रजिस्टर्ड PUC सेंटर्स से जारी किया जाता है. इस सर्टिफिकेट से दरअसल, ये पता चलता है कि गाड़ी से निकलने वाले धुंए से कितना प्रदूषण हो रहा है. दिल्ली के 10 जोन में ऐसे लगभग 966 सेंटर फैले हुए हैं. ये सेंटर गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की निगरानी करने और एमिशन नॉर्म्स के हिसाब से गाड़ियों की फिटनेस सर्टिफाई करने में अहम भूमिका निभाते हैं. पॉल्यूशन लेवल टेस्ट इंस्पेक्टर यह पक्का करने के लिए रैंडम चेक भी करते हैं कि PUC सेंटर सही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं या नहीं.