Meesho IPO Listing: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो (Meesho) ने बुधवार 10 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार में जोरदार एंट्री मारी है. लिस्टिंग होने के साथ ही कंपनी के शेयर 46 प्रतिशत से ज्यादा के प्रीमियम पर लिस्ट हुए. बीएसई पर भी कंपनी के शेयर सॉलिड प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए. अगर आप भी इसके शुरुआती निवेशकों में शामिल हैं तो आपको 46 फीसदी से ज्यादा का लिस्टिंग गेन मिला है. वैसे देखा जाए तो लेटेस्ट ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के संकेत के अनुसार लिस्टिंग उम्मीद से बेहतर रही. लिस्टिंग से पहले, मीशो IPO GMP आज 43 रुपये था, जिससे 38.7% का लिस्टिंग गेन होने का संकेत मिलता है. शुरुआती कारोबार में मीशो के शेयरों में हल्की गिरावट देखी गई, लेकिन इसने तुरंत रिकवर किया और शेयरों में तेजी दर्ज की गई.
निवेशकों ने मीशो IPO पर दिल खोलकर लुटाया प्यार
मीशो में इन्वेस्टर्स की जबरदस्त दिलचस्पी देखी गई, क्योंकि 3 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच तीन दिन की बिडिंग प्रोसेस के दौरान इसके 5421 करोड़ के IPO को 79.02 गुना सब्सक्राइब किया गया. NSE डेटा के मुताबिक, इस इश्यू को 27,7938446 शेयरों के मुकाबले 21962980575 शेयरों के लिए बिड मिलीं.
---विज्ञापन---
मजबूत इंस्टीट्यूशनल पार्टिसिपेशन की वजह से डिमांड बढ़ी. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) कैटेगरी 120.18 गुना सब्सक्राइब हुई, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) सेगमेंट में 38.15 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ. रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RII) हिस्सा 19.04 गुना सब्सक्राइब हुआ.
---विज्ञापन---
क्या आपको खरीदना चाहिए, बेचना चाहिए या होल्ड करना चाहिए?
एक्सपर्ट इस बारे में कहते हैं कि मीशो ने FY25 में फ्री कैश फ्लो (FCF) को पॉजिटिव कर दिया है, भले ही वन-ऑफ आइटम की वजह से रिपोर्ट किया गया नेट प्रॉफिट अभी भी नेगेटिव है. 50000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर, इसकी कीमत लगभग 5.5x प्राइस-टू-सेल्स (FY25) है. यह जोमैटो की तुलना में आकर्षक है. इसमें स्कैरिटी प्रीमियम है क्योंकि यह भारत में एकमात्र प्योर-प्ले वैल्यू ई-कॉमर्स स्टॉक है.
पैसे को कहां यूज करेगी कंपनी
मीशो ने टियर 2 और 3 शहरों में कामयाबी से अपनी जगह बना ली है, जहां अमेजन और फ्लिपकार्ट को अंदर तक पहुंचने में मुश्किल होती है. धीरे-धीरे मीशो ने अपना यूजर बेस तैयार कर लिया है और कुछ कैटगरी में यह अमेजन और फ्लिपकार्ट को जोरदार टक्कर दे रही है.
मीशो आईपीआई से इस पैसे का इस्तेमाल अपने क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, मार्केटिंग और ब्रांडिंग की कोशिशों को बढ़ाने, एक्विजिशन और स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव के जरिए इनऑर्गेनिक ग्रोथ करने और आम कॉर्पोरेट मकसदों के लिए करने का प्लान बना रहा है.