Trendingind vs saIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024Kartik Purnima

---विज्ञापन---

Indian Railways: 157 साल पुरानी ट्रेन का नेताजी सुभाष चंद्र बोस से गहरा नाता; इतिहास भी काफी दिलचस्प

Indian Railways 157 Oldest Train: दुनिया भर में भारतीय रेलवे की एक अलग ही पहचान है, ये अपने लंबे-चौड़े नेटवर्क के लिए काफी जाना जाता है। रोजाना करोड़ों लोग में इस नेटवर्क के जरिए ट्रेनें से यात्रा करते हैं। भारत में रेल गाड़ी को सबसे किफायती वाहन माना जाता है जो एक शहर से दूसरे […]

Indian Railways 157 Oldest Train: दुनिया भर में भारतीय रेलवे की एक अलग ही पहचान है, ये अपने लंबे-चौड़े नेटवर्क के लिए काफी जाना जाता है। रोजाना करोड़ों लोग में इस नेटवर्क के जरिए ट्रेनें से यात्रा करते हैं। भारत में रेल गाड़ी को सबसे किफायती वाहन माना जाता है जो एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए कई लोग अपनाते हैं। आपने भारतीय रेलवे के बारे में कई बार तरह-तरह की जानकारी और रोचक तथ्य भी सोने होंगे। वहीं, क्या आप भारतीय रेलवे के एक दिलचस्प इतिहास के बारे में जानते हैं? इन इतिहासों में से एक 157 साल पुरानी रेल गाड़ी भी शामिल है। न जानें कितनी पीढ़ियों ने इस 157 साल पुरानी ट्रेन में सफर भी किया है। आपने भी शायद इसमें सफर किया होगा, लेकिन इसके इतिहास से परिचित नहीं होंगे। दरअसल, आज हम आपको भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 157 साल पूरे हो चुके हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारतीय रेलवे की 157 साल पुरानी ट्रेन

हम जिस 157 साल पुरानी रेल गाड़ी की बात कर रहे हैं उसका नाम कालका मेल (Kalka Mail) है। इसी साल जनवरी में भारत की इस सबसे पुरानी ट्रेन ने पने संचालन के 157 साल पूरे किए हैं। कालका मेल की शुरुआत 1 जनवरी 1866 को अंग्रेजों द्वारा की गई थी, जिसके नाम में भी कई बार बदलाव भी कर दिया गया है।

कई बार बदला गया ट्रेन का नाम

भारतीय रेलवे के रिकॉर्ड की अगर मानें तो कालका मेल की शुरुआत ईस्ट इंडियन रेलवे मेल के नाम के साथ हुई थी। East Indian Railway Mail नामक इस ट्रेन का नाम कालका मेल ट्रेन रखा गया, जिसके बाद साल 2021 में भी इसके नाम को बदल दिया गया। भारतीय रेल मंत्रालय ने इसका नाम नेताजी एक्सप्रेस (Netaji Express) रख दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस से है गहरा नाता

अंग्रेजों द्वारा निर्माण की गई इस ट्रेन का गहर नाता नेताजी सुभाष चंद्र बोस से भी है। कहा जाता है कि 18 फरवरी 1941 को अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंककर Kalka Mail से ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस गायब हुए थे। ईस्ट इंडियन रेलवे ने कालका मेल का संचालन किया था। अंग्रेज के अधिकार इस ट्रेन से गर्मी में राजधानी कोलकाता से शिमला शिफ्ट हो जाते थे। जबकि, सर्दियों में इस रेल गाड़ी से वायसराय से होते हुए कोलकाता आते थे।

दो हिस्सों में शुरू हुई थी कालका मेल ट्रेन

काला मेल ट्रेन को शुरुआत में दो हिस्सों में शुरू किया गया था। पहले इसे हावड़ा से दिल्ली के बीच में चलाया था। इसके बााद साल 1891 में ट्रेन का अगला रूट दिल्ली से कालका तक के लिए शुरू किया गया। इसकी शुरुआत खासतौर पर अंग्रेजों ने अपने अधिकारियों के लिए गर्मी में कोलकाता से सर्दी वाली जगह शिमला तक पहुंचाने के मकसद से किया गया था। इस रेल गाड़ी में भारतीयों को जाने नहीं दिया जाता था। इसमें सिर्फ अंग्रेजी अधिकारी जाया करते थे।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.