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सोलर मॉड्यूल्स में भारत की रफ्तार हुई तेज, 43 हजार नौकरियां पैदा हुईं और कैपेसिटी बढ़ी

लोकसभा में जो आंकड़े पेश क‍िए गए हैं, उसके अनुसार हाई-एफिशिएंसी सोलर PV मॉड्यूल्स के लिए लागू की गई इस स्कीम ने घरेलू उत्पादन के साथ 43000 नई नौकरियां भी पैदा की हैं.

PLI स्‍कीम से नौकर‍ियां पैदा हुई और उत्‍पादन भी बढ़ा है

लोकसभा में जमा किए गए डेटा के मुताबिक, हाई-एफिशिएंसी वाले सोलर PV मॉड्यूल के घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारत की बड़ी प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने अक्टूबर 2025 तक देश भर में लगभग 43,000 नौकरियां पैदा की हैं, जिसमें 11220 डायरेक्ट नौकरियां शामिल हैं. इस स्कीम के तहत फैसिलिटी लगाने वाले सोलर मैन्युफैक्चरर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नौ राज्यों- गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और ओडिशा में नौकरियां पैदा हुई हैं.

गुजरात को हुआ सबसे ज्‍यादा फायदा

गुजरात सबसे बड़ा फायदा उठाने वाला राज्य बना है, जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज और दूसरी कंपनियों के बड़े प्रोजेक्ट्स से 22,400 से ज्‍यादा नौकरियां बनीं. इसके बाद तमिलनाडु में FS इंडिया सोलर वेंचर्स, VSL ग्रीन पावर और TP सोलर से करीब 6,800 नौकरियां पैदा हुईं. आंध्र प्रदेश में दो सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 1620 नौकरियां मिलीं, जबकि ओडिशा ने AMPIN सोलर के जरिए 200 और नौकरियां दीं. बाकी नौकरियां ReNew Photovoltaics, Grew Energy, Avaada Electro और दूसरी कंपनियों के राज्यों में मल्टी-लोकेशन प्रोजेक्ट्स से बनीं.

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PLI स्कीम लागू

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भारत सरकार 24,000 करोड़ रुपये के खर्च से GW-स्केल घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बनाने के लिए हाई एफिशिएंसी सोलर PV मॉड्यूल के लिए PLI स्कीम लागू कर रही है. इस स्कीम के तहत, 48.3 GW की पूरी तरह या कुछ हद तक इंटीग्रेटेड सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बनाने के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किए गए हैं.

लगातार बढ़ोतरी

25 नवंबर 2025 को जारी मॉडल्स और मैन्युफैक्चरर्स की लेटेस्ट अप्रूव्ड लिस्ट (ALMM) के मुताबिक, भारत की इंस्टॉल्ड सोलर PV मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 121.68 GW थी. FY 2025-26 (सितंबर 2025 तक) के दौरान, देश ने $386.33 मिलियन कीमत के 180.58 लाख सोलर PV मॉड्यूल इंपोर्ट किए, जो घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने की कोशिशों के साथ-साथ लगातार बढ़ोतरी को दिखाता है.

चीन का दबदबा

ग्लोबल सोलर PV सप्लाई चेन में चीन का दबदबा बना हुआ है, जिसके पास पॉलीसिलिकॉन और वेफर मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी में 90% से ज्‍यादा, सेल्स में 85% से ज्‍यादा और मॉड्यूल में लगभग 80% हिस्सेदारी है. रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि मार्च 2027 तक भारत की सोलर PV मॉड्यूल बनाने की क्षमता बढ़कर 165 GW से ज्‍यादा हो जाएगी. इसे ALMM के रूप में मजबूत पॉलिसी सपोर्ट से बढ़ावा मिलेगा, जो सीधे मॉड्यूल के इंपोर्ट पर असरदार तरीके से रोक लगाता है, साथ ही इंपोर्ट किए गए सेल और मॉड्यूल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और PLI स्कीम भी मदद करेगी.


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