अगर आप अमेरिका में नौकरी करने की चाहत रखते हैं तो आपके लिए ये खबर बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि H-1B वीजा के नियमों में बदलाव किए गए हैं. दरअसल, H-1B वीजा के लिए पुराने लॉटरी सिस्टम को हटाकर 'weighted selection system' लागू करने का फैसला किया है. नए सिस्टम में रैंडम लॉटरी की जगह सैलरी और स्किल के आधार पर कैंडिडेचर तय होगा. यानी किसी व्यक्ति को H-1B वीजा मिलेगा या नहीं, ये बात उसकी किस्मत पर नहीं, बल्कि उसके स्किल और सैलरी पर निर्भर करेगा.
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कैसे होगा सेलेक्शन :
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने जो नया प्लान तैयार किया है, उसके अनुसार अगर एप्लीकेंट्स की संख्या उपलब्ध वीजा की संख्या से ज्यादा है, तो USCIS सभी आवेदनों की एक लिस्ट तैयार करेगा और उनके आवेदनों को अलग-अलग सैलरी लेवल में आधार पर बांटा जाएगा. जिन उम्मीदवारों के पास ज्यादा सैलरी वाली नौकरियां होंगी, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. इसे अगर आसान शब्दों में कहें तो, अगर दो लोग अप्लाई करते हैं, तो 'weighted selection system' के तहत उस व्यक्ति को प्राथमिकता मिलेगी जिसके पास ज्यादा सैलरी ऑफर है. भले ही दोनों एलिजिबल क्यों न हों.
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कब से लागू होगा नया सिस्टम
नया बदलावा सिर्फ उसी साल लागू होगा, जब एप्लीकेशन वीजा लिमिट से ज्यादा होंगे. इसे फाइनेंशियल ईयर 2027 H-1B से शुरू किया जा सकता है. USCIS का कहना है कि इसका मकसद ज्यादा स्किल्ड और ज्यादा सैलरी वाले वर्कर्स को ज्यादा वीजा देना है, साथ ही एम्प्लॉयर्स को सभी सैलरी लेवल पर विदेशी वर्कर्स को हायर करने की इजाजत देना भी है. यह नियम आधिकारिक तौर पर 27 फरवरी 2026 से लागू होगा.
आपको बता दें कि H-1B वीजा की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा. हर साल जारी संख्या के हिसाब से ही वीजा जारी किए जाएंगे. रेगुलर कोटे के तहत यह 65000 पर सीमित रहेगा और अतिरिक्त 20000 वीजा US एडवांस्ड डिग्री धारकों के लिए रिजर्व रहेंगे.