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Explainer Gold Price: सोना सस्ता-महंगा होने के कारण क्या? दुबई से कितना ला सकते हैं भारत

Explained Gold Price: लगातार काफी दिन से सोने के दामों में गिरावट आज थम गई। आज जहां सोने की कीमतों में उछाल देखा गया, वहीं इसके कारण भी तलाशे गए। भारत से सस्ता सोना दुबई और भूटान में बिकता है, जानिए कितना सोना हम वहां से ला सकते हैं और क्या नियम हैं।

Explained Gold Price low and high Behind Reason: अप्रैल के अंत में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था। 22 अप्रैल को सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया था, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट आने लगी। आमतौर पर जब किसी क्षेत्र में तनाव या युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने को चुनते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है, लेकिन इस बार उलटा हुआ। 6 मई को 24 कैरेट सोना जहां 96,888 रुपये प्रति 10 ग्राम था, वह 12 मई तक गिरकर 92,538 रुपये पर आ गया। हालांकि 13 मई को इसमें थोड़ी तेजी आई और भाव 94,344 रुपये तक पहुंच गया। 14 मई और 15 मई को फिर गिरावट दिखी, लेकिन 16 मई को फिर दाम बढ़ गए।

सोने के दाम कम होने के कारण

अमेरिका-चीन टैरिफ समझौता – 10 मई को दोनों देशों में टैरिफ को लेकर समझौता हुआ, जिससे ग्लोबल में स्थिरता लौटी और सोने की मांग में कमी आई। रूस-यूक्रेन युद्ध विराम – युद्ध में अस्थायी ठहराव ने अंतरराष्ट्रीय तनाव को कम किया, जिससे निवेशकों का रुझान जोखिम वाली संपत्तियों की ओर बढ़ा। भारत-पाकिस्तान सीजफायर – 10 मई को दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की, जिससे क्षेत्रीय तनाव में राहत मिली और सोने की कीमत पर दबाव पड़ा।

सेविंग के लिए सोना खरीदें, निवेश के लिए नहीं

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप गहनों के लिए या सेविंग के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन यदि आप निवेश के मकसद से सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो थोड़ी सावधानी बरतना समझदारी होगी। बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और गिरावट संभव है। ऐसे में जल्दबाज़ी में निवेश करने से नुकसान हो सकता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए फिलहाल इंतजार करना बेहतर रहेगा।

दुबई में सोना भारत की तुलना में सस्ता क्यों

दुबई में सोना भारत की तुलना में सस्ता होने के कई कारण हैं। दुबई में सोने की खरीद पर कोई GST या अन्य बिक्री कर नहीं लगता। केवल 5% VAT लागू होता है, वहीं सीमा शुल्क के बाद भी दुबई में सोना सस्ता है। दुबई में मेकिंग चार्ज भी भारत की तुलना में कम है। दुबई में सोने की कीमतें यूएई दिरहम (AED) में होती हैं और भारतीय रुपये (INR) के मुकाबले दिरहम की विनिमय दर कीमतों को प्रभावित करती है। दुबई अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों से कच्चा सोना आयात करता है और इसे सस्ते में प्रोसेस करता है। [caption id="attachment_890722" align="alignnone" ] सोने और चांदी की कीमत[/caption]

दुबई से भारत सोना लाने के नियम और जरूरी बातें

अगर आप दुबई से भारत सोना लाने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि भारतीय कस्टम विभाग के नियम क्या कहते हैं। यदि आप 6 महीने या उससे अधिक समय से विदेश में रह रहे हैं, तो आप भारत में 1 किलो तक सोना बिना किसी कस्टम ड्यूटी के ला सकते हैं। यह नियम पुरुषों और महिलाओं दोनों पर लागू होता है। हालांकि, इस छूट का लाभ उठाने के लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी है।
  • सोना रसीद (बिल) के साथ खरीदा होना चाहिए। सोने की शुद्धता (प्योरिटी) की जांच जरूर कर लें। कस्टम नियमों और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी पहले से ले लें।

भारत में सोना लाने की शर्तें और लागत

ड्यूटी-फ्री सीमा: पुरुष: 20 ग्राम तक (अधिकतम ₹50,000 मूल्य) ड्यूटी-फ्री। महिलाएं: 40 ग्राम तक (अधिकतम ₹1,00,000 मूल्य) ड्यूटी-फ्री। अतिरिक्त सोना 1 किलोग्राम तक सोना लाया जा सकता है, लेकिन अतिरिक्त मात्रा पर 6% सीमा शुल्क देना होगा। 1 किलोग्राम से अधिक पर 36.05% शुल्क लागू होता है। 10 ग्राम सोने पर ₹4,842 सीमा शुल्क (6%) लगेगा, जिसके बाद भी दुबई का सोना भारत की तुलना में ₹5,360 सस्ता रहता है। [caption id="attachment_850718" align="alignnone" ] सोने और चांदी की कीमत[/caption]

एक और पड़ोसी देश, जहां दुबई से सस्ता सोना

भारत के पड़ोसी देश भूटान में दुबई से भी सस्ता सोना मिलता है। यहां सोने की कीमतें दुबई की तुलना में भी 5 से 10 प्रतिशत तक कम हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण है कि वहां सोने पर कोई टैक्स नहीं लगता। यहां सोने के आयात पर भी बेहद कम शुल्क वसूला जाता है। भारत और भूटान की करेंसी के बीच खास अंतर न होने से भारतीयों को लाभ होता है। भूटान से सोना खरीदना है तो कुछ नियम जरूरी हैं। गौर हो कि एक बार की यात्रा में अधिकतम 20 ग्राम तक ड्यूटी-फ्री सोना खरीद सकते हैं। पहला नियम ये है कि भूटान सरकार से मान्यता प्राप्त होटल में एक रात रुकना होगा। दूसरी, खरीद केवल अमेरिकी डॉलर में होगी। हर भारतीय पर्यटक को रोजाना‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस (SDF)’ चुकानी होगी। रसीद अनिवार्य है।

किन-किन देशों में भारत से सस्ता सोना

दुबई – दुबई को सोने का शहर कहा जाता है। यहां 24 कैरेट सोना भारत की तुलना में सस्ता होता है। हांगकांग – हांगकांग में टैक्स कम होने के कारण सोने की कीमतें भारत से कम हो सकती हैं। सिंगापुर – अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र होने के कारण यहां सोने की कीमतें प्रतिस्पर्धात्मक रहती हैं। थाईलैंड – थाईलैंड में सोने की कीमतें अपेक्षाकृत कम होती हैं, यहां भी भारत से दाम कम हैं। हालांकि किसी भी देश से सोना खरीदते समय केवल कीमत पर ही नहीं, बल्कि उसकी शुद्धता, प्रमाणिकता, और आयात शुल्क/करों पर भी ध्यान देना जरूरी है। सही जानकारी और तुलना करने पर ही सस्ती और विश्वसनीय खरीददारी संभव है। [caption id="attachment_830260" align="alignnone" ] सोने और चांदी की कीमत[/caption]

जानें, अब विशेषज्ञों की राय

सीएनबीसी इंटरनेशनल की खबर के मुताबिक- इस गिरावट के पीछे यूएस-चीन के बीच टैरिफ डील की उम्मीदें हैं। इससे ग्लोबल मार्केट में रिस्क लेने की धारणा बढ़ी और निवेशकों ने सोने से पैसे निकालना शुरू कर दिया। ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली शामखानी ने कहा कि ईरान कुछ शर्तों के साथ अमेरिका से परमाणु समझौता करने को तैयार है, बशर्ते अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध हटाए। इस बयान ने मध्य-पूर्व तनाव में नरमी का संकेत दिया, जिससे सोने में और गिरावट आई। स्वतंत्र मेटल ट्रेडर ताई वोंग ने बताया कि यूएस-चीन टैरिफ में भारी कटौती ने सोने में टेक्निकल करेक्शन को ट्रिगर किया है।

अगले कुछ साल तक और सस्ता होगा सोना

विशेषज्ञ अजय केडिया कहते हैं, सोने की कीमतों को सपोर्ट करने वाले कारक एक-एक कर समाप्त हो रहे हैं। अमेरिका और चीन में ट्रेड डील हो चुकी है। रूस और यूक्रेन डील के लिए मीटिंग करने वाले हैं। ईरान का संकटकम हो रहा है। वहीं, मॉर्निंगस्टार एनालिस्ट का दावा है कि अगले कुछ वर्षों में सोना 38% तक गिरकर ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है, लेकिन यह दीर्घकालिक अनुमान है और तत्काल संभावना कम है। यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोना और सस्ता हो सकता है, लेकिन यह 2025 की दूसरी छमाही में संभावित है। [caption id="attachment_898511" align="alignnone" ] सोने और चांदी[/caption]

सोने की कीमतों को तय करने वाले कारक

केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी कीमतों को ऊंचा रखती है। उच्च ब्याज दरों के कारण भी सोने की कीमतें गिर सकती हैं। रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत होने पर भारत में सोना महंगा होता है। भारत-पाक या मध्यपूर्व तनाव कम होने पर कीमतें गिर सकती हैं। 2024 में आयात शुल्क 15% से घटकर 6% होने से कीमतें ₹3,700 तक गिरी थीं। भविष्य में ऐसी नीतियाँ फिर से कीमतें कम कर सकती हैं। क्या करना चाहिए: यदि आप निवेश या खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ₹85,000-₹90,000 के स्तर पर खरीदारी फायदेमंद हो सकती है, खासकर अगर कीमतें गिरती हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश: सोने में 5-10% पोर्टफोलियो आवंटन स्थिरता देता है। डिजिटल गोल्ड (ETF, म्यूचुअल फंड) भी अच्छा विकल्प है। बाजार की निगरानी: विश्वसनीय स्रोतों (जैसे IBJA, MCX) से दैनिक कीमतें चेक करें और स्थानीय ज्वैलर्स से मेकिंग चार्ज की जानकारी लें।


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