Dearness Allowance Increase: केंद्र सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता यानी डीए 4 परसेंट बढ़ाने का ऐलान किया है। इसका मतलब साफ है कि उनका डीए उनकी बेसिक सैलरी का 50 परसेंट होगा। डीए और डीआर में बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी और बचे हुए पैसों का भुगतान मार्च 2024 की सैलरी के साथ किया जाएगा।
बीते दिन वित्त मंत्रालय ने ओएम जारी किया है। इसके मुताबिक, आप बेसिक सैलरी बढ़ोत्तरी से जुड़ी छह जरूरी बातें जानेंगे।
1. बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोत्तरी हुई?
1 जनवरी 2024 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए या महंगाई भत्ते की दरें बेसिक सैलरी के 46% से बढ़कर 50% हो जाएंगी।
2. क्या है पेमेंट का दायरा?
सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता पारिश्रमिक का एक अलग एलिमेंट बना रहेगा। इसे एफआर 9(21) के दायरे में सैलरी के तौर पर नहीं माना जाएगा।
3. बेसिक सैलरी क्या होती है?
रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी/मूल वेतन का मतलब सरकार की तरफ से स्वीकृत 7वीं सीपीसी सिफारिशों के मुताबिक सैलरी मैट्रिक्स में निर्धारित स्तर पर लिया गया वेतन है। इसमें कार्यालय के मुताबिक, किसी और तरह के वेतन जैसे विशेष वेतन, आदि शामिल नहीं हैं। आसान शब्दों में कहें तो मूल वेतन उसे कहते हैं जो एक कर्मचारी के वेतन का आधार बनता है। यह वो मिनिमम मंथली सैलरी है जो कर्मचारी को मिलती है और इसमें कोई भत्ता शामिल नहीं होता।
4. बकाया राशि का भुगतान कब होगा?
डीए/महंगाई भत्ते के बचे हुए पैसे इस साल मार्च के वेतन वितरण की डेट से पहले नहीं दिए जाएंगे।
5. फ्रैक्शन से जुड़े पेमेंट का मतलब क्या है?
महंगाई भत्ते की वजह से 50 पैसे और उससे ज्यादा के फ्रैक्शन के भुगतान को अगले हायर रुपये में राउंड-ऑफ किया जा सकता है। इसी तरह 50 पैसे से कम के फ्रैक्शन को नजरअंदाज किया जा सकता है।
6. हाल के डीए में बढ़ोतरी के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी?
इसे एक उदाहरण से समझें तो मान लीजिए कि किसी सरकारी कर्मचारी की हर महीने की बेसिक सैलरी 45,700 रुपये है। पहले जहां, 46 परसेंट के हिसाब से उनका महंगाई भत्ता 21,022 रुपये था। वहीं, अब 50 परसेंट बढ़ने से उनका महंगाई भत्ता 22,850 रुपये हो जाएगा। इससे उन्हें 1,818 रुपये ज्यादा मिलेंगे।
50 परसेंट तक डीए बढ़ने से ये भत्ते बढ़ जाएंगे
- चिल्ड्रेंस एजुकेशन अलाउंस
- हाउस रेंट अलाउंस
- चाइल्डकेचर से सम्बंधित स्पेशल अलाउंस
- ट्रांसफर पर टीए (व्यक्तिगत वस्तुओं का ट्रांसपोर्टेशन)
- हॉस्टल सब्सिडी
- ड्रेस अलाउंस
- दैनिक भत्ता
- अपने आने-जाने के लिए माइलेज भत्ता
- ग्रेच्युटी सीमा