Computers Import in India: अगस्त 2023 में लैपटॉप के साथ पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर सरकार ने बैन लगा दिया था, जिससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में इजाफा हो। हालांकि इस फैसले के बाद बैन के टाइम को आगे खिसका दिया था। पर इसके बाद भी सितंबर के महीने में पर्सनल कंप्यूटर्स, लैपटॉप के साथ टैबलेट का इंपोर्ट यानी आयात 42 फीसदी बढ़कर 72 करोड़ डॉलर पर आ गया है। आपको ये भी जानकारी दे दें कि भारत में इन आइटम्स का सबसे ज्यादा इंपोर्ट चीन से ही होता है।
सिंगापुर से 188 फीसदी की दर से बढ़ा इंपोर्ट
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर के महीने में चीन से कंप्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट का आयात 33 फीसदी तक बढ़ गया था, जबकि इसी महीने सिंगापुर से इंपोर्ट की दर 188 फीसदी से बढ़ी है। वहीं देखने वाली बात ये है कि 1 साल पहले इनके आयात में कमी देखी गई थी। इससे पहले 3 अगस्त 2023 को सरकार ने कहा था कि वो IT हार्डवेयर के 7 प्रोडक्ट को बैन करने जा रही है। इस लिस्ट में पर्सनल कंप्यूटर के साथ माइक्रो कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर, कंप्यूटर सिस्टम, डेटा प्रोसेसिंग यूनिट शामिल है।
बैन के बाद सेल में हुआ इजाफा
सरकार ने तब ये बात साफ कर दी थी कि इन प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर बैन से देश के अंदर मैन्युफैक्चरिंग को एक नई जान मिलेगी। हालांकि जब से सरकार ने बैन का ऐलान किया था, तभी से इन आइटम्स की सेल में भी इजाफा हुआ है। पर्सनल कंप्यूटर 14 फीसदी की दर से, डेस्कटॉप 19.3 फीसदी और नोटबुक 13.1 फीसदी की दर से बिके हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि सरकार को जल्द से जल्द PLI स्कीम में मंजूरी दे देनी चाहिए, जिससे भारत के अंदर प्रोडक्शन होगा तो डिमांड की भरपाई की जा सकती है। जिसके बाद से इंपोर्ट की दर में कमी आने की पूरी संभावना है।
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PLI के लिए कई बड़ी कंपनियों ने किया अप्लाई
हालांकि इंपोर्ट के अलावा इस बैन के फायदे भी हुए हैं। दरअसल भारत दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूटर हार्डवेयर बाजार है। PLI स्कीम के लिए कई बड़ी कंपनी जैसे Dell, HP, Lenevo ने अप्लाई किया है। जिसमें सरकार ने भी 27 कंपनियों को अपनी इस PLI स्कीम के लिए सलेक्ट कर लिया है। इससे करीब 5 साल में 4.65 लाख करोड़ के प्रोडक्ट्स बन सकते हैं। साथ में PLI के इस निवेश से 50 हजार लोगों को नौकरी मिल सकती है।