फिल्मी दुनिया में दौलत और शौहरत दोनों है। यही वजह है कि लोग इसकी तरफ खिंचे चले आते हैं। हालांकि, हर किसी को सफलता मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं। कई सितारे ऐसे रहे, जिन्होंने नाम तो कमाया लेकिन सफलता की ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाए। फिल्मी दुनिया में संघर्ष करने के बजाए उन्होंने दूसरी राह पकड़ी और आज अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ स्टार्स के बारे में जो फिल्मों से निकलकर कारोबारी दुनिया में एक बड़ा नाम बन गए हैं।
कुणाल गोस्वामी
मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी ने कई फिल्में कीं, लेकिन उन्हें दर्शकों को अपने पिता जितना प्यार नहीं मिला। मनोज कुमार की चर्चित फिल्म क्रांति से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले कुणाल ने श्रीदेवी के साथ भी काम किया। बड़े पर्दे के साथ-साथ वह छोटे पर्दे पर भी नजर आए, मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक के बाद एक फिल्मों के असफल होने चलते कुणाल ने कारोबारी दुनिया का रुख किया। उन्होंने फंड जुटाया और दिल्ली में कैटरिंग बिजनेस शुरू कर लिया और आज वह करोड़ों में कमा रहे हैं।
विवेक ओबराय
बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय बिजनेस की दुनिया का एक बड़ा नाम बन गए हैं। बॉलीवुड में कई हिट फिल्में देने के बाद भी उनके करियर का ग्राफ उम्मीद अनुरूप नहीं बढ़ पाया था। इसके पीछे सलमान खान से उनका विवाद प्रमुख रहा। पिछले साल गणेश चतुर्थी के मौके पर विवेक ओबेरॉय पुणे के श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति को 66 कैरेट का लैब-ग्रोन डायमंड भेंट करके चर्चा में आए थे। विवेक सोलिटेरियो लैब-ग्रोन डायमंड्स के को-फाउंडर भी हैं। इस कंपनी की शुरुआत पुणे से हुई थी और आज दुनिया के 7 देशों के 21 शहरों में इसकी मौजूदगी है। विवेक कई अलग-अलग सेक्टर्स में कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने अपने दम पर 1200 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया है। विवेक, दुबई की मशहूर BNW Developments के को-फाउंडर हैं। उनका ‘मेगा एंटरटेनमेंट’ नाम से एक प्रोडक्शन हाउस भी है।
जायद खान
फिल्म ‘चुरा लिया है तुमने’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत करने वाले जायज खान आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन हैं। अभिनेता-फिल्म निर्माता संजय खान के बेटे और फिरोज खान के भतीजे जायद के पास 1500 करोड़ रुपये की संपत्ति है। जायद खान फिल्म ‘मैं हूं ना’ में शाहरुख खान के साथ नजर आए थे और यही उनके करियर की एकमात्र हिट फिल्म रही। 2003 में 22 साल की उम्र में फिल्मों में डेब्यू करने वाले जायद ने कुछ सोलो फिल्में भी कीं, लेकिन सफल नहीं हुए। वह ‘फाइट क्लब, मिशन इस्तांबुल और तेज’ जैसी फिल्मों भी दिखाई दिए, मगर उनके करियर को गति नहीं मिल पाई। उनकी आखिरी फिल्म ‘शराफत गई तेल लेने’ 2015 में आई थी। जायद ने कुल 15 फिल्में की, जिसमें से महज एक ही हिट रही। जायद को यह समझ आ गया था कि फिल्मों में उन्हें खास सफलता नहीं मिलने वाली, इसलिए उन्होंने खुद को बिजनेस की तरफ मोड़ लिया। जायज के पास बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री है, लिहाजा उन्होंने अपने इस ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए कई स्टार्टअप और व्यवसायों में निवेश किया। इस निवेश से उन्हें अच्छी इनकम होने लगी और धीरे-धीरे वह कारोबार की दुनिया में जम गए।
अरविंद स्वामी
अरविंद स्वामी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में की थी। उनकी पहली फिल्म मणिरत्नम की थलापति थी, लेकिन उन्हें मणिरत्नम की फिल्में 1992 में रोजा और 1995 में बॉम्बे से असल पहचान मिली। 1990 के दशक के आखिर में स्वामी को अपने फिल्मी करियर में गिरावट का सामना करना पड़ा। साल 2000 के बाद उन्होंने अपना ध्यान फिल्मों से हटाकर बिजनेस पर लगाया। 2005 में अरविंद एक गंभीर एक्सिडेंट का शिकार हो गए और इससे बाहर निकलने में उन्हें कुछ साल लगे। एक्सीडेंट से पहले उन्होंने भारत में पेरोल प्रोसेसिंग और टेम्परेरी स्टाफिंग सर्विस देने वाली कंपनी टैलेंट मैक्सिमस की शुरुआत की और उनका यह एक्सपेरिमेंट सफल साबित हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कंपनी ने 2022 में 3,300 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया था।
जुगल हंसराज
साल 1983 में आई शेखर कपूर की फिल्म 'मासूम' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले जुगल हंसराज ने कई फिल्मों में काम किया। जुगल पापा कहते हैं (1996) में मयूरी कांगो के साथ लीड रोल में नजर आए थे। फैंस ने इस फिल्म को काफी ज्यादा पसंद किया, लेकिन इसके बावजूद उनकी गिनती बॉलीवुड के सफल कलाकारों में नही हो पाई। फिल्मी दुनिया में अपने गिरते ग्राफ से निराश होकर जुगल अमेरिका चले गए और आज वहां एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी नेटवर्थ 375 करोड़ रुपये है।
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