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अडाणी ग्रुप ने लॉन्च की नई फिल्म ‘जर्नी ऑफ ड्रिम्स’, बताया देश के विकास में बंदरगाह का योगदान

Adani Group Launches Its Latest Film:अडाणी समूह ने अडाणी पोर्ट्स के असर का जश्न मनाते हुए अपनी लेटेस्ट फिल्म लॉन्च की है। इसकी कहानी 'हम करके दिखाते हैं' सीरीज की नई फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे अडाणी पोर्ट्स ने लोगों की जिंदगी बदल दी। ये फिल्म ऐसी ही कहानियों के जरिए अडाणी पोर्ट्स की कामयाबी और उसके असर को बयां कर रही है।

Adani Group Launches Its Latest Film: अडाणी ग्रुप ने अपनी लोकप्रिय सीरीज "हम करके दिखाते हैं" को जारी रखते हुए एक लेटेस्ट फिल्म "जर्नी ऑफ ड्रीम्स" के लॉन्च की। यह फिल्म अडाणी पोर्ट्स (बंदरगाह) की ट्रांसफॉर्मेटिव पावर को दिखाती है। यह फिल्म अडाणी पोर्ट्स के माध्यम से व्यवसायों को होने वाले लाभ और अडाणी पोर्ट्स के योगदान को दर्शाती है, जो छोटे या बड़े बिजनेसमैन के लिए सपनों को साकार करने की प्रक्रिया को आसान बनाती है।

गौतम अडाणी ने एक्स पोस्ट पर कही यह बात

एशिया के दूसरे सबसे बड़े उद्योगपति और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने इससे संबंधित एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'असली वादे शब्दों में नहीं, बल्कि हमारे कामों में दिखते हैं। ये वादे नए अवसरों के दरवाजे खोलने, उम्मीदों से भरी जर्नी को आगे बढ़ाने और प्यार से बुने सपनों को पूरा करने के लिए होते हैं। अब बदलाव की लहरें यहां आ चुकी हैं। हम करके दिखाते हैं!'

ऐसी होती है कहानी की शुरुआत

यह फिल्म आज के भारत और भारतीयों की अदम्य (Indomitable) भावना और ‘हम करके दिखाते हैं’ की अटूट भावना की कहानी है, जो हमारे दृढ़ संकल्प को दिखाती है। इस वीडियो में कहानी की शुरुआत होती है एक पिता और उसकी छोटी बेटी से, जो समुंद्र किनारे खड़े होकर जहाज को जाते हुए देख रहे होते हैं। इस दौरान बेटी मासूमियत से पूछती है, पापा, जहाज में बड़ी-बड़ी चीजें जाती हैं ना? इस पर पिता मुस्कुराकर जवाब देते हैं, इसमें बड़े-बड़े सपने भी जाते हैं। इसके बाद कहानी थोड़ा इमोशनल मोड़ लेती है, जिसमें यह दिखाया गया है कि कैसे अडाणी पोर्ट्स भारत के छोटे कारोबारियों को ग्लोबल मार्केट से जोड़कर उनके सपनों को पहचान दे रहा है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे अडाणी पोर्ट्स असाधारण कनेक्टिविटी और टॉप लेवल की सुविधाएं देकर सभी तरह के छोटे-बड़े व्यवसायों को सफल होने में मदद करता है।

अडाणी पोर्ट्स का प्रभाव

यह फिल्म गुजरात के हस्तनिर्मित नामदा खिलौनों की ग्लोबल यात्रा की कहानी भी है, जो अडाणी पोर्ट्स की बदौलत अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचते हैं। यह कहानी अडाणी पोर्ट्स के कुशल लॉजिस्टिक्स और वैश्विक बाजार में पहुंच के माध्यम से छोटे व्यवसाय मालिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रतीक है। यह कहानी छोटे व्यवसायियों की इच्छाओं को साकार करने का प्रतीक है। यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारत के लाखों छोटे कारोबारियों की कहानी है, जिनके लिए अडाणी पोर्ट्स सपनों को साकार करने का माध्यम बन रहा है।

'हम सपनों के लिए रास्ते बना रहे हैं'

अडाणी ग्रुप के कॉरपोरेट ब्रांडिंग प्रमुख अजय काकर (Ajay Kakar) ने कहा, 'अडाणी पोर्ट्स में, हम सिर्फ माल की आवाजाही की सुविधा नहीं दे रहे हैं, हम सपनों के लिए रास्ते भी बना रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'विश्व स्तरीय सुविधाएं और निर्बाध कनेक्टिविटी देने की हमारी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है कि बड़े और छोटे दोनों व्यवसाय फल-फूल सकें, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके और लाखों भारतीयों के जीवन में सुधार हो सके।' उन्होंने कहा कि हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर छोटे और बड़े दोनों कारोबारियों को आगे बढ़ने का अवसर देता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।

ओगिल्वी इंडिया ने बनाई है फिल्म

बता दें कि इस फिल्म को ओगिल्वी इंडिया (Ogilvy India) ने तैयार किया है। ओगिल्वी इंडिया के मुख्य सलाहकार पीयूष पांडे (Piyush Pandey) ने कहा कि बड़ी कंपनियां और बड़े प्रोजेक्ट तब तक बड़े नहीं होते, जब तक वे आम लोगों की जिंदगी में बदलाव न लाएं। यह फिल्म अडाणी ग्रुप के बिजनेस में लोगों के जुड़ाव को दिखाती और यह बताती है कि उनका काम आम लोगों के जिंदगी को बेहतर बना रहा है। इस फिल्म का उद्देश्य अनेक क्षेत्रों में अडाणी केऑपरेशंस के गहन प्रभाव को रेखांकित करना है। इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचाने के लिए ब्रॉडकास्ट और डिजिटल मीडिया सहित कई प्लेटफॉर्म पर शेयर और एंप्लीफाइड (Amplified) किया जाएगा।


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