Adani group alleged bribery case: अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा बिजनेस टाइकून गौतम अडानी पर लगाए कथित रिश्वतखोरी के आरोपों पर शुक्रवार को पहली बार भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बारे में मीडिया में कहा कि गौतम अदाणी का मामला कानूनी है। इसमें प्राइवेट कंपनी, व्यक्ति और अमेरिकी न्याय विभाग शामिल है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए एक तय कानूनी प्रक्रिया होती है और हमें पूरा विश्वास है कि अमेरिका उसका पालन करेगा।
ये है पूरा मामला
दरसअल, अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और अन्य पर भारत में सौर ऊर्जा के ठेके लेने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। हालांकि इस बारे में अमेरिकी सरकार द्वारा फिलहाल कोई सबूत शेयर नहीं किए गए हैं। इन आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर ये मुद्दा सुर्खियों में बना हुआ है।
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अमेरिकी सरकार ने भारत को नहीं दी कोई सूचना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के पूछने पर ये स्पष्ट करते हुए बताया कि इस बारे में अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को पूर्व में कोई सूचना नहीं दी थी। उनका कहना था कि भारत सरकार ने इस मसले पर अमेरिकी सरकार से फिलहाल कोई बातचीत नहीं की है।
इंडिया में ऐसे मामलों पर ये हैं नियम
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऐसे में मुद्दों पर मौजूद कानूनों के बारे में क्लीयर करते हुए बताया कि किसी भी विदेशी सरकार द्वारा किसी प्रकार के समन या शख्स के गिरफ्तारी वारंट की इंडिया में तामील के लिए एक तय नियम हैं। फिलहाल अडानी के केस में ऐसा कोई भी अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हस तरह के मामलों में तय नियमों के अनुसार ऐसे अनुरोधों की योग्यता के आधार पर पहले जांच की जाती है।
अडानी ने दिया ये जवाब
अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर लगे आरोपों को अडानी ग्रुप ने सिरे से खारिज कर दिया है। अडानी समूह ने कहा है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे पर रिश्वतखोरी का कोई आरोप नहीं है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर संसद में लगातार विपक्ष सरकार को घेर रहा है। इसके चलते लगातार चार बार संसद को स्थगित किया जा चुका है।
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