Zodiac Signs: शुक्र ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है। वे व्यक्ति के व्यक्तित्व, संबंधों, धन और वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं। इसका कारण यह है कि शुक्र प्रेम, सुख, धन, वैभव, ऐश्वर्य, भौतिक सुख, विलासिता, सुंदरता और कला के स्वामी और नियंत्रक ग्रह हैं। इसलिए शुक्र ग्रह को वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण और शुभ ग्रह माना गया है। अब बात करते हैं मंगल ग्रह की। मंगल भी एक भौतिकवादी ग्रह हैं, जिसमें थोड़ा राजसी गुण भी होते हैं। मंगल ग्रह के कारण ही व्यक्ति में ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है और वे सक्रिय और उद्यमी होते हैं। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में मंगल शक्ति, ऊर्जा, साहस, क्रोध, युद्ध, भूमि और भाई के कारक यानी स्वामी और नियंत्रक माने गए हैं।
शुक्र-मंगल षडाष्टक योग का राशियों पर असर
वैदिक ज्योतिष की गणितीय गणना के अनुसार, 14 नवंबर से शुक्र और मंगल परस्पर एक-दूसरे से 150 डिग्री के कोण पर स्थित होकर अपनी चाल चल रहे हैं। ज्योतिष भाषा में इस खगोलीय घटना को षडाष्टक योग कहते हैं। षडाष्टक दो शब्दों षड यानी 6 और अष्टक यानी 8 का मेल हैं। इस योग को ज्योतिष शास्त्र में अच्छा नहीं माना गया है, क्योंकि वैदिक ज्योतिष में कुंडली के छठे और आठवें भाव को बेहद अशुभ माना गया है। जब शुक्र और मंगल इन भावों से होकर गोचर करते हैं, तो इनकी ऊर्जा की टकराहट से राशियों पर नकारात्मक असर होता है। आइए जानते हैं, शुक्र-मंगल के अशुभ संयोग से किन 3 राशियों के जातकों पर भीषण नकारात्मक असर होने की आशंका है?
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मेष राशि
मेष राशि के जातक शुक्र-मंगल के षडाष्टक योग के कारण वे चिड़चिड़े और आवेशी हो सकते हैं। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना और धैर्य खोना सामान्य हो सकता है। ऑफिस में कलीग के साथ मतभेद हो सकते हैं, जिससे नौकरी छूटने का खतरा बढ़ सकता है। आय के नए स्रोत खोजने में कठिनाई हो सकती है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। व्यापार में नुकसान होने की संभावना है। ग्राहकों के साथ विवाद हो सकते हैं। स्टूडेंट के करियर पर नेगेटिव असर होने के चांसेज हैं। परीक्षाओं में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाएंगे। पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद होने की आशंका है। लव फेयर में पार्टनर से धोखा मिल सकता है। जहां तक हेल्थ की बात है, तो आपको पाचन संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
वृश्चिक राशि
शुक्र-मंगल के षडाष्टक योग के अशुभ असर से वृश्चिक राशि के जातक अधिक संवेदनशील और चिंतित रह सकते हैं। उन्हें निराशा और अकेलापन महसूस हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को वर्कप्लेस पर तनाव और दबाव महसूस हो सकता है। काम में रुचि कम होने के कारण प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। निवेश से लाभ होने की संभावना कम है। आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। व्यापार में रुकावटें आ सकती हैं। नए व्यापारिक सौदे करने में कठिनाई हो सकती है। स्टूडेंट्स जातकों का टीचर के साथ मतभेद हो सकते हैं। पढ़ाई में रुचि कम होने के कारण परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। लाइफ पार्टनर के साथ मनमुटाव हो सकता है। फैमिली लाइफ में अशांति बढ़ सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रहें, तनाव से अनिद्रा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
मीन राशि
मीन राशि के जातक शुक्र-मंगल के षडाष्टक योग के अशुभ असर से अधिक भावुक और उदासीन रह सकते हैं। नींद न आना और भोजन में रुचि कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नौकरी में अस्थिरता रह सकती है। कार्यस्थल पर मानसिक तनाव के कारण स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आय में कमी आ सकती है। अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इससे धन संकट बढ़ सकता है। व्यापार में घाटा हो सकता है। पारिवारिक व्यापार में मतभेद हो सकते हैं। शिक्षा से जुड़े निर्णय लेने में कठिनाई होगी। हायर एजुकेशन के प्रयास फेल हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में विश्वासघात का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ने आपको तनाव हो सकता है। तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
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