TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Narmada River: उल्टी दिशा में क्यों बहती है नर्मदा नदी, जानिए क्या है पौराणिक कथाएं

नर्मदा नदी भारत की इकलौती नदी है जो उल्टी दिशा में बहती है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि आखिर क्यों नर्मदा नदी उल्टी दिशा में बहती है। अगर नहीं तो आइए आज इस खबर में विस्तार से जानते हैं।

Narmada river
Narmada River: सनातन धर्म में नर्मदा नदी को जीवन की दायिनी कहा गया है। कहा जाता है कि नर्मदा नदी एक नदी ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। नर्मदा नदी भारत के दो बड़े राज्यों गुजरात और मध्य प्रदेश की खास नदी है। सनातन धर्म में जिस तरह मां गंगा और यमुना की पूजा की जाती है ठीक उसी प्रकार नर्मदा नदी की भी पूजा होती है। इस नदी को मोक्षदायिनी नदी भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं नर्मदा नदी उल्टी दिशा में क्यों बहती है। अगर नहीं तो आज इस खबर में जानेंगे के आखिर नर्मदा नदी उल्टी दिशा में क्यों प्रवाहित होती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं। क्यों बहती है उल्टी दिशा में नर्मदा नदी नर्मदा नदी को लेकर कई तरह की रोचक कथाएं हैं। यह नदी एक आस्था का केंद्र हैं, जिससे करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नर्मदा नदी को रेवा नदी और शोणभद्र नदी को सोनभद्र के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि नर्मदा राजकुमारी राजा मेखल की पुत्री थी, जो बेहद ही खूबसूरत थी। कहा जाता है कि राजा मेखल ने अपनी रूपसी पुत्री की विवाह के लिए यह तय किया कि जो राजकुमार गुलबकावली (हल्दी की जाति का एक पौधा ) के दुर्लभ पुष्प लेकर आएगा उसी से अपनी रूपसी पुत्री नर्मदा की शादी संपन्न करेंगे। कथाओं के अनुसार, सोनभद्र के राजकुमार गुलबकावली के फूल लेकर आ गए और राजा ने राजकुमारी नर्मदा का विवाह तय कर दिया। यह भी पढ़ें- नए साल 2024 में लगाएं घर पर ये खास तरह के पौधे, चमक उठेगी किस्मत पौराणिक मान्यता पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नर्मदा राजकुमारी सोनभद्र के दर्शन कर सकती थी लेकिन राजकुमार के सुंदरता और पराक्रम की कथाएं सुनकर राजकुमारी मन ही मन उसे चाहने लगी थी। विवाह होने में कुछ दिन शेष थे लेकिन नर्मदा से रहा ना गया उसने अपनी दासी जुहिला के हाथों प्रेम संदेश भेजने की सोची। जुहिला ने राजकुमारी से उसके वस्त्राभूषण मांगे और चल पड़ी राजकुमार से मिलने। सोनभद्र के पास पहुंची तो राजकुमार सोनभद्र उसे ही नर्मदा समझने की भूल कर बैठें। जुहिला की नीयत में भी खोट आ गयी। राजकुमार के प्रणय-निवेदन को वह ठुकरा ना सकी। यह भी पढ़ें- खरमास में क्यों बंद हो जाते हैं सारे मांगलिक कार्य, जानें इस दौरान क्या करें क्या न करें इधर जब नर्मदा के सब्र का बांध टूटने लगा। तब दासी जुहिला के आने में भी देरी होई। इतने में राजकुमारी नर्मदा खुद सोनभद्र से मिलने चल पड़ी। वहां पहुंचने पर सोनभद्र और जुहिला को साथ देखकर वह अपमान की भीषण आग में जल उठीं। तुरंत वहां से उल्टी दिशा में चल पड़ी फिर कभी न लौटने के लिए। सोनभद्र अपनी गलती पर पछताता रहा, लेकिन स्वाभिमान और विद्रोह की प्रतीक बनी नर्मदा पलट कर नहीं आई। नर्मदा ने अपने प्रेमी शोणभद्र से धोखा खाने के बाद आजीवन कुंवारी रहने का संकल्प किया है। यह भी पढ़ें- कल से शुरू होगा खरमास, जानें तुलसी पूजा के विशेष नियम डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.