वास्तु शास्त्र की क्या है मान्यता
शास्त्रों के अनुसार, वास्तु शास्त्र का मतलब प्रत्येक दिशा में सकारात्मक ऊर्जा को देखना। यानी घर या कार्यालय अगर सही दिशा में निर्माण न किया जाए तो नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहता है। वहीं सही दिशा में निर्माण किया जाए तो ऑफिस या घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर या ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और शांति में वृद्धि होता है। लेकिन इन सब के लिए वास्तु के नियम का पालन करना जरूरी होता है। तभी जीवन में सुख-शांति और घर में धन की प्राप्ति हो सकती है।क्या है वास्तु दोष
यदि घर निर्माण करवाने में छोटी सी गलती भी लोगों के लिए मुश्किल की घड़ी ला सकती है। यह गलती वास्तु के नियमानुसार पर न चलने के कारण होता है। वहीं जो लोग वास्तु के नियमानुसार नहीं चलते हैं उन पर वास्तु दोष लगता है। मान्यता है कि जिन लोगों पर वास्तु दोष लगता है उस व्यक्ति के जीवन में विपरीत परिणाम देखने को मिलता है। साथ ही घर से सुख-शांति और धन की कमी होने लगता है। यह भी पढ़ें- आज से 3 राशियों को रहना होगा सावधान, शनि देव का पड़ सकता है दुष्प्रभाववास्तु शास्त्र के क्या है नियम
सबसे पहले तो वास्तु के नियमानुसार, घर का मुख्य द्वार सही दिशा में होना चाहिए। उसके बाद मुख्य द्वार पर किसी शुभ चिन्ह लगा होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप नए मकान में प्रवेश करते हैं, तो प्रवेश करते समय शास्त्र के विधि-विधान का पालन करते हुए प्रवेश करें। जिस घर में आप सोते हैं यानी बेडरूम में किसी भी देवी-देवता की तस्वीर या मूर्ति नहीं रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में दक्षिणावर्ती शंख, पारद शिवलिंग जैसे चीजों को रखने से घर में सुख-शांति के साथ समृद्धि आती है। यह भी पढ़ें- चंद्र देव की कृपा से होली के बाद 3 राशियों की बदल जाएगी किस्मत
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।