Surya Gochar 2025 Rashifal: सूर्य को नवग्रहों का अधिपति माना गया है. यह आत्मा, चेतना, जीवन-शक्ति और सत्ता का मूल प्रतीक है. जैसे सूर्य के बिना भौतिक जगत की कल्पना संभव नहीं, वैसे ही ज्योतिष में सूर्य के बिना किसी ग्रह का फल पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं माना जाता. सूर्य व्यक्ति के आत्मबल, दिशा और उद्देश्य का केंद्र है. कुंडली में सूर्य मजबूत हो तो जीवन पथ स्पष्ट रहता है, निर्णय क्षमता बढ़ती है और व्यक्ति अपने लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता है.
सूर्य नक्षत्र परिवर्तन का महत्व
जिस प्रकार समस्त ग्रह भौतिक रूप से सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, उसी प्रकार कुंडली के सभी ग्रह सूर्य से ही ऊर्जा ग्रहण करते हैं. सूर्य लगभग 14–15 दिन एक नक्षत्र में रहता है और उसका नक्षत्र गोचर राजनीति, सत्ता, प्रशासन, समाज तथा सामूहिक चेतना पर विशेष प्रभाव डालता है. सूर्य जिस नक्षत्र में प्रवेश करता है, वहाँ के नक्षत्र स्वामी के गुण और फल सक्रिय हो जाते हैं, जिससे उस अवधि में वही विषय अधिक प्रभावशाली रूप से उभरकर सामने आते हैं.
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साल 2025 में सूर्य का आखिरी नक्षत्र गोचर
द्रिक पंचांग के मुताबिक, साल 2025 में सूर्य कुल 27 बार नक्षत्र परिवर्तन कर अपनी चाल बदलने वाले हैं. इस वर्ष वे अभी तक 16 बार नक्षत्र बदल चुके हैं. उनका नवीनतम गोचर 16 दिसंबर को धनु संक्रांति के साथ हुआ था और वे ज्येष्ठा से निकलकर मूल नक्षत्र में प्रविष्ट हुए थे. इस साल सूर्य का आखरीं नक्षत्र गोचर 29 दिसंबर को है, जब वे 27वीं बार नक्षत्र बदलेंगे और शुक्र के स्वामित्व वाली पूर्वाषाढा नक्षत्र में गोचर करेंगे.
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पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य गोचर का राशियों पर असर
ज्योतिषाचार्य हर्षवर्द्धन शांडिल्य बताते हैं कि पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य गोचर संघर्ष के बाद विजय, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को सुदृढ़ करता है. यह गोचर व्यक्ति को अपने विचारों पर दृढ़ रहने, लक्ष्य प्राप्ति और सार्वजनिक सम्मान दिलाने में सहायक होता है. आइए जानते हैं, इस साल सूर्य के इस आखिरी नक्षत्र परिवर्तन का सबसे अधिक सकारात्मक असर किन 3 राशियों पर होगा?
मेष राशि
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य का गोचर मेष राशि वालों के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई देता है. लंबे समय से चल रहा मानसिक द्वंद्व समाप्त होने लगता है. कार्यक्षेत्र में नेतृत्व के अवसर मिलते हैं. निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है. विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है. सामाजिक और पारिवारिक मान-सम्मान बढ़ता है. लक्ष्य स्पष्ट होते हैं और सफलता की दिशा तय होती है. आर्थिक मामलों में स्थिरता आने लगती है. वरिष्ठ अधिकारियों या पिता से सहयोग प्राप्त होता है.
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए यह गोचर विशेष रूप से शुभ फलदायी सिद्ध होता है. सूर्य की ऊर्जा व्यक्तित्व में तेज और आकर्षण बढ़ाती है. शासन, प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े लोगों को लाभ मिलता है. रुके हुए कार्य गति पकड़ते हैं. सार्वजनिक मंच पर पहचान बनती है. आत्मबल बढ़ने से बड़े निर्णय लेने का साहस आता है. संघर्ष के बाद सफलता का अनुभव होता है. प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. नई जिम्मेदारियाँ और पदोन्नति के संकेत मिलते हैं.
धनु राशि
धनु राशि में स्थित पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र सूर्य को वैचारिक मजबूती प्रदान करता है. इस राशि के जातकों को भाग्य का सहयोग मिलता है. शिक्षा, धर्म और नीति से जुड़े कार्यों में प्रगति होती है. आत्मविश्वास स्थिर रहता है. लक्ष्य के प्रति समर्पण बढ़ता है. विदेश, यात्रा या उच्च अध्ययन से जुड़े अवसर मिल सकते हैं. समाज में विचारों को मान्यता मिलती है. गुरुजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होता है. भविष्य की योजनाओं को नई दिशा और स्पष्टता मिलती है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।