TrendingAyodhya Ram MandirDharmendra & Hema MaliniBigg Boss 19Gold Price

---विज्ञापन---

Ram Katha: तोता ने क्यों दिया था सीता माता को श्राप? पढ़ें उनकी उत्पत्ति की पौराणिक कथा

Sita Mata Ko Shraap: क्या आप जानते हैं कि एक तोता ने माता सीता को श्राप क्यों दिया था। साथ ही जनक की बेटी का नाम सीता क्यों पड़ा? पढ़िए

सीता माता को श्राप।
Ram Katha Sita Mata Ko Shraap: 'राम सिया राम' प्रसंग की अगली कड़ी में आज हम आपको माता सीता से जुड़ी ऐसी जानकारियां देने जा रहे हैं, जिसे जानने की इच्छा हर किसी की होगी। अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर सीता जी का जन्म कैसे हुआ? राजा जनक की बेटी का नाम 'सीता' क्यों पड़ा? माता सीता की उत्पत्ति कैसे हुई? एक तोता ने सीता माता को क्यों और क्या श्राप दिया था? ऐसे ही कुछ खास प्रश्नों के जवाब इस आर्टिकल में जानिए।

सीता माता को तोता ने क्यों दिया था श्राप?

पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार सीता माता ने नर-मादा तोता को अपने पास रख लिया था। कहते हैं कि उनमें से एक मादा तोता किन्हीं कारणों से मर गया। जब मादा तोता मर गया तो उसे देखकर नर (तोता) ने सीता जी को श्राप दे दिया। नर तोता ने माता सीता को श्राप दिया कि जिस प्रकार उसे अपने साथी के बिछड़ने का कष्ट हुआ। वैसे ही सीता माता को को वियोग (पति से अलग होने का कष्ट) होगा।

राजा जनक की बेटी का नाम सीता क्यों पड़ा?

माता सीता की उत्पत्ति को लेकर कई मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं। महर्षि वाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण के अनुसार, किसी समय राजा जनक खेत में हल चला रहे थे। उस दौरान उनकी नजर एक कन्या पर पड़ी। जिसके बाद उन्होंने उस कन्या को अपने घर लाया और उसका पालन-पोषण किया। चूंकि राजा जनक को हल चलाते वक्त कन्या की प्राप्ति हुई और हल का आगे का हिस्सा 'सीता' कहा जाता है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि राजा जनक ने उस कन्या का नाम 'सीता' रखा। हलांकि सीता माता को जानकी और वैदेही इत्यादि अन्य नामों से भी जानते हैं। दूसरी पौराणिक कथा के मुताबिक, सीता जी मंदोदरी और रावण की पुत्री थीं। कहा जाता है कि माता सीता वेदवती नाम की महिला की पुनर्जन्म (दूसरा जन्म) थीं। मान्यता के अनुसार, रावण के प्रकोप से बचने के लिए उन्होंने आत्मदाह (आग में खुद को समर्पित कर देना) कर लिया था। वेदवती ने ऐसा करने से पहले रावण को श्राप दिया था कि दूसरे जन्म में उसकी बेटी बनकर उसका (रावण) विनाश करेंगी। समय आने पर मंदोदरी (रावण की पत्नी) ने पुत्री की जन्म दिया। यह जानकर रावण को वेदवती के द्वारा दिए गए श्राप याद आया। जिसके बाद रावण ने अपनी पुत्री को समुद्र में छोड़ दिया। कहते हैं कि समुद्र की देवी ने उस कन्या को धरती माता के हवाले कर दिया। वही कन्या आगे चलकर सुनैना देवी (जनक की पत्नी) और राजा जनक की बेटी सीता के नाम से जानी गई। यह भी पढ़ें: सीता माता ने क्यों दिया था गाय समेत 3 चीजों को श्राप? दिलचस्प है यह कथा यह भी पढ़ें: श्रीराम ने ‘ब्रह्म हत्या’ दोष से मुक्ति के लिए यहां की थी पूजा, पढ़ें रोचक कथा राम कथा की और स्टोरी
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


Topics: