Sita Ashtami: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मां सीता का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है। इसे जानकी जयंती अथवा सीता अष्टमी भी कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व वैलेंटाइन डे यानि 14 फरवरी 2023 को आ रहा है।
यह है सीता अष्टमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Sita Ashtami Puja Muhurat)
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र पहनें। इसके बाद घर के पूजा स्थल पर गणेश जी की पूजा करें। तत्पश्चात भगवान राम और मां जानकी की पूजा करें। उन्हें पुष्प, माला, अक्षत, प्रसाद, देसी घी का दीपक, धूपबत्ती आदि अर्पित करें। इस दिन व्रत रखें। व्रत में निराहार न रहें बल्कि दिन में एक बार फलाहार करें। इस प्रकार यह व्रत पूरा होगा।
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क्या है सीता अष्टमी पर पूजा का महत्व (Importance of Sita Ashtami Vrat)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता अष्टमी के व्रत से पुरुषों को मनचाही और सुशील पत्नी की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जिन युवाओं का विवाह नहीं हो रहा है, उन्हें भी इस व्रत का उपाय बताया जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।