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Shukra Rashi Parivartan: शुक्र का नीच राशि कन्या में हुआ प्रवेश, वृषभ समेत 4 राशि वाले रहें अलर्ट

Shukra Rashi Parivartan: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शुक्र कन्या राशि में प्रवेश कर चुके हैं। शुक्र का यह गोचर वृषभ समेत 4 राशि वालों के लिए शुभ नहीं माना जा रहा है।

Shukra Rashi Parivartan: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र की चाल का बेहद खास महत्व है। शुक्र को धन, विलासिता, ऐश्वर्य, सुख इत्यादि का कारक माना गया है। जब कभी भी शुक्र का गोचर होता है तो उसका असर राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ता है। ज्योतिष की गणना के मुताबिक शुक्र देव 3 नवंबर को कन्या राशि में प्रवेश कर गए हैं। शुक्र देव इस स्थिति में 26 नवंबर 2023 तक रहेंगे। कन्या राशि में शुक्र नीच होकर ही संचरण करेंगे। जब कोई ग्रह नीच होकर गोचर रत रहता है तो उसका शुभ प्रभाव नहीं होता। शुक्र के नीच होने से कई राशियों पर इसके गोचर का अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं कि शुक्र गोचर की अवधि में किन राशियों को सावधान रहना होगा। ताकि आर्थिक जीवन, लव लाइफ, दांपत्य जीवन और भौतिक सुख-साधनों का संतुलन बना रहे।

वृषभ राशि

ज्योतिषीय गणना में शुक्र को वृषभ राशि का स्वामी माना गया है। गोचर अवस्था में शुक्र देव वृषभ राशि पंचम भाव में संचरण करते रहेंगे। ऐसे में इस दौरान लव लाइफ प्रभावित हो सकता है। संतान की सेहत को लेकर चिंता रहेगी। गोचर अवधि में स्वास्थ्य को लेकर धन खर्च होगा। इसके साथ ही इस दौरान जो भी यात्रा का योग बनेगा, उसमें कष्ट हो सकता है। वृषभ राशि के जातकों को शुक्र गोचर की अवधि में निवेश करने और लोन लेने से बचना होगा, क्योंकि इससे नुकसान की पूरी संभावना है।

कन्या राशि

शुक्र का गोचर कन्या राशि में ही हुआ है। ऐसे में इस अवधि में शुक्र गोचर का अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा इस राशि में केतु की युति भी बनी हुई है। ऐसे में शुक्र-केतु मिलकर आपको मानसिक कष्ट दे सकते हैं। इस दौरान व्यर्थ की उलझनें रहेंगी। ऐसे में इस दौरान आपको लव लाइफ और दांपत्य जीवन में रिश्तों को लेकर भी खास सावधानी बरतनी होगी। इसके अलावा शुक्र गोचर की अवधि में फिजूलखर्ची का भी सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर सहकर्मियों से सावधान रहना होगा, खासतौर पर विपरीत लिंग के जातकों के प्रति। यह भी पढ़ें: शनिवार के दिन इन उपायों से खुलते हैं किस्मत के ताले, होता है चौतरफा फायदा 

तुला राशि

शुक्र को तुला राशि का स्वामी माना गया है। ऐसे में शुक्र राशि परिवर्तन करने तुला राशि के 12वें भाव में बैठ गए हैं। ऐसे में शु्क्र का नीच भाव में आने से तुला राशि वालों के अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे। दरअसल इस दौरान भौतिक सुख-साधनों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा, जो आपके खर्च को बेवजह बढ़ाएगा। जीवनसाथी के साथ संबंधों में खटास आ सकती है। ऐसे में तुला राशि वालों को गोचर की पूरी अवधि में सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

मीन राशि

शुक्र का गोचर मीन राशि वालों के लिए भी अच्छा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस वक्त शुक्र मीन राशि के सप्तम भाव में बैठे हैं। साथ ही शु्क्र का मीन राशि पर सीधी दृष्टि है। वैसे तो शुक्र की दृष्टि को ज्योतिष में शुभ माना जाता है, लेकिन चूंकि शुक्र नीच अवस्था में संचरण कर रहे हैं और शुक्र-केतु का दृष्टि संबंध है। ऐसे में मीन राशि वालों को इस दौरान प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी के साथ तनाव बढ़ सकता है। इस दौरान फिजूलखर्ची बढ़ेगी। जिसकी वजह से मानसिक परेशानियां उत्पन्न होंगी। ऐसे में मीन राशि के जातकों को शुक्र गोचर की पूरी अवधि में संयम रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस दौरान फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने की आवश्यकता होगी। यह भी पढ़ें- शनिदेव आज 3 राशियों पर रहेंगे मेहरबान, वैवाहिक जीवन में आएगी बहार!
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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