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शनिश्चरीअमावस्या पर कर लें छोटा सा काम, शनि साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा से मिलेगी राहत!

Shanishchari Amavasya 2023: शनिश्चरी अमावस्या शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए खास अवसर होता है। जानिए खास उपाय।

Edited By : Dipesh Thakur | Oct 11, 2023 19:02
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Shanishchari Amavasya 2023

Shanishchari Amavasya 2023: पितृ पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में जाना जाता है। इस साल पितृ पक्ष में यह अमावस्या 14 अक्टूबर को पड़ने वाली है। ऐसे में आमतौर पर लोग इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध (तर्पण, पिंडदान) करेंगे। इसके अलावा सर्वपितृ अमावस्या के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्त होती है। साथ ही इस पुण्य कर्म से पितर भी प्रसन्न होते हैं। इस बार पतृ पक्ष की अमावस्या के दिन शनिवार का खास संयोग बन रहा है। ऐसे शुभ अवसर शनि की कृपा पाने के लिए बेहद खास माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन कौन सा एक काम करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा से राहत मिल सकती है।

शनि स्त्रोत

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।

नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।

नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।

नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।

नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।

सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।

नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।

नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।

तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।

त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।

एवं स्तुतस्तद सौरिग्रहराजो महाबल:।।

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शनि मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |

चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

शनि महामंत्र

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि गायत्री मंत्र

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

शनि दोष निवारण मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Oct 11, 2023 07:02 PM

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