TrendingMaha Kumbh 2025Ranji TrophyIPL 2025Champions Trophy 2025WPL 2025mahashivratri

---विज्ञापन---

Ram Katha : जटायु का श्रीराम से क्या संबंध था? पढ़ें ये रोचक किस्सा

Ram Katha Shri Ram Jatayu Interesting Story : गिद्धों के राजा जटायु अयोध्या नरेश राजा दशरथ के मित्र थे और भगवान श्रीराम उन्हें अपने पिता के समान ही आदर देते थे।

राम कथा
Ram Katha Shri Ram Jatayu Interesting Story: अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन मंगलवार को होने जा रहा है। रामभक्तों को इस शुभ घड़ी का वर्षों से इंतजार था और अब यह शुभ घड़ी नजदीक आ गई। वैदिक रीति रिवाज और परंपराओं का पालन करते हुए अयोध्या में प्रतिदिन उद्घाटन और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित कार्यक्रम संपन्न किए जा रहे हैं। वहीं हम लोग भी इसी संदर्भ में प्रतिदिन राम सिया राम...की कड़ी में रामचरित मानस के रोचक-रोचक किस्से और कहानियां आप लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं। आइए पढ़ें आज भी श्रीराम चरित मानस से जुड़ा एक ऐसा ही रोचक किस्सा... ये भी पढ़ें : कौन थीं माता अनुसुइया, जिन्होंने सीता जी को दिए कभी ना गंदे होने वाले वस्त्र माता जानकी जी के हरण के बाद जब लंकापति रावण माता सीता जी को लेकर लंका पहुंच गया तो उसके बाद वानरों की सेना ने चारों दिशाओं में माता की खोज शुरू कर दी। वहीं दक्षिण दिशा में माता की खोज का जिम्मा युवराज अंगद के नेतृत्व वाली वानर सेना को दिया गया। इस सेना में ऋक्षराज जामवंत के साथ-साथ नल-नील और हनुमान जी भी शामिल थे। वनों और पर्वतों को पार करते हुए यह दल माता सीता की खोज में सागर तक पहुंच गया, लेकिन माता का कहीं पता ना चला। ये भी पढ़ें: यहां पत्नी के साथ मौजूद हैं ‘लक्ष्मण’, 300 साल पुराना है यह मंदिर थक हारकर पूरा दल समुद्र के किनारे बैठ गया और सभी लोग विचार करने लगे कि महाराज सुग्रीव की ओर से अभियान के लिए दी गई अवधि भी समाप्त हो गई और माता सीता का अभी कुछ पता नहीं कि मां कहां और किस हाल में हैं। सभी लोग इस विषय में विचार कर ही रहे थे कि वहां गिद्धों का राजा और जटायु का बड़े भाई संपाति एक पर्वत की कंदरा में बैठे हुए वानरों की सभी बातें सुन रहे थे। ये भी पढ़ें : भगवान श्रीराम की कृपा पाने के लिए खास हैं 5 ‘राम भजन’ आप सुनकर मनमुग्ध हो जाएंगे इसी बातचीत के दौरान जब वानरों के मुख से संपाति ने जटायु का नाम सुना तो अहित की आशंका से उसने वानरों को अपने पास बुलाया और कहा कि आप लोग जटायु के बारे में बातें क्यों कर रहे हैं। मैं जटायु का बड़ा भाई हूं और मुझे कुछ अहित की आशंका हो रही है। इसके बाद हनुमान आदि वानरों ने संपाति को जटायु के वीरगति को प्राप्त होने के बारे में बताया। साथ ही उन्होंन कहा कि रावण माता सीता को हर कर ले गया है और जब गिद्धराज जटायु ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने जटायु का वध कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि जटायु की श्रीराम के पिता महाराज दशरथ से मित्रता थी और श्रीराम ने उनका पिता के समान ही अंतिम संस्कार किया। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.