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घर में रखी मूर्तियों की हाइट क‍ितनी हो, यहां जानें खास न‍ियम

Puja Idol Height Rituals: शास्त्रों में पूजा-मूर्ति से जुड़े खास नियम बताए गए हैं। पूजा के समय भगवान की मूर्ति किस ऊंचाई पर होनी चाहिए? जानिए।

Puja Idol Height Rituals in Hindi: सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के घर में पूजा का मंदिर या एक निश्चित पूजा मंदिर जरूर होता है। सुख-शांति के लिए लोग घर में कुल देवी या देवता, इष्ट देव की प्रतिमा या मूर्ति रखते हैं। वास्तु शास्त्र में देवी-देवताओं की मूर्तियों से जुड़े खास नियम बताए गए हैं। जैसे- पूजा में मंदिर में रखी जानें वाली मूर्तियों की लंबाई क्या होनी चाहिए। शास्त्रों में पूजा मंदिर की क्या ऊंचाई होनी चाहिए या उसमें तस्वीरों को कितनी ऊंचाई पर रखें, इसके लिए भी खास नियम बताया गया है। पूजा मंदिर की ऊंचाई क्या होनी चाहिए। साथ ही पूजा स्थान पर भगवान की मूर्ति को कितनी ऊंचाई पर रखें? जानिए।

घर में कितनी ऊंचाई पर रखें मूर्ति

वास्तु शास्त्र के नियम के अनुसार, पूजा स्थान पर देवी-देवताओं की मूर्ति को उचित ऊंचाई पर रखकर पूजा करनी चाहिए। पूजा स्थान पर देवी-देवताओं की मूर्ति को हृदय (हॉर्ट) की ऊंचाई तक रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इतनी ऊंचाई पर मूर्ति को रखकर पूजा करने के किसी प्रकार का दोष नहीं लगता। साथ ही पूजा करने वालों पर देवी-देवताओं की नजर रहती है। सुख-शांति के लिए पूजन से जुड़े इस नियम को अक्सर लोग फॉलो करते हैं। जो कि शास्त्रों की मान्यता के हिसाब से भी सही है। भक्त अगर बैठकर पूजा करते हैं तो उस स्थिति में भी मूर्ति या तस्वीर को हृदय की ऊंचाई तक रहना चाहिए। वहीं अगर खड़े होकर पूजा करते हैं तो ऐसे में भी उपरोक्त नियम का पालन करना उचित है।

किस दिशा में रखें पूजा मंदिर?

वास्तु नियम के मुताबिक, घर में पूजा मंदिर को हमेशा पूरब की ओर रखना चाहिए। यानी पूजा मंदिर खुला हुआ हिस्सा पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरब दिशा की ओर मुंह करके पूजा करना शुभ और उचित ही है। इसके अलावा उत्तर में मुंह करके भी पूजा करने का विधान है।

पूजा के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

शास्त्रीय मान्यताओं के मुताबिक पूजा-पाठ और ध्यान इत्यादि के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त है। इस दौरान किए गए पूजा-पाठ का विशेष लाभ प्राप्त होता है। हालांकि मंदिर में भगवान शिव की पूजा दोपहर 12 बजे से पहले कर लेनी चाहिए। आमतौर पर दिन के पहले प्रहर में पूजा कर लेना अच्छा माना गया है। यह भी पढ़ें: आखिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ क्या है? राम लला की मूर्ति के साथ ऐसा ना होने पर क्या होगा?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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