प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि आज सुबह 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 25 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं अमृत काल शाम 6 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक है।प्रदोष व्रत पूजा-विधि
सुबह सवेरे उठकर नहाएं और पूजा स्थान पर शिव परिवार (मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय, गणेश जी और नंदी) की फोटो लगाएं। इसके बाद उनके सामने घी का दीया जलाएं। इसके अलावा धूप भी जलाएं। भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें। ध्यान रहे कि बेलपत्र साफ-सुथरा हो। भगवान की पूजा के बाद प्रदोष व्रत की कथा-आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें। अगर संभव हो तो शिव मंदिर में अभिषेक करें और शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शक्कर, घी और शहद) अर्पित करें। शिवजी की पूजा करते समय ओम् नमः शिवाय का जाप करते रहें। आप चाहें तो 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। जो कोई प्रदोष व्रत-नियम का पालन नहीं कर सकते, वे रात को बिना लहसुन-प्याज का सात्विक भोजन कर सकते हैं।प्रदोष व्रत उपाय
अविवाहित लड़कियां अगर सुंदर और सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं तो उन्हें मां पर्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। तारिणींदुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्॥ प्रदोष व्रत के दिन इस मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियों का अंत होता है। साथ ही दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है, पति-पत्नी का आपसी प्यार बना रहता है।प्रदोष व्रत मंत्र
1. ओम् नमः शिवाय 2. ओम् त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् यह भी पढ़ें: इन राशियों के लिए लकी रहेगा 2024, होगी जबरदस्त उन्नति
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।