प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। जबकि इस तिथि की समाप्ति 27 अक्टूबर को 6 बजकर 55 मिनट पर होगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 41 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है। ऐसे में इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।प्रदोष व्रत पूजन विधि
गुरू प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें। इसके बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इतना करने के बाद पूजा मंदिर या पूजा-स्थल को साफ करके गंगाजल से शुद्ध करें। अब वहां पूजन के लिए आसन लगाएं। इसके बाद मंदिर में धूप-दीप जलाएं। फिर शिवलिंग पर जल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और गणपति जी की पूजा करें। अब भगवान शिव को भोग समर्पित करें। पूजन के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारें। शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप करेंगे तो बेहतर होगा। यह भी पढ़ें: 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा चंद्र ग्रहण, गर्भवती महिलाएं रहें सावधान! इन नियमों का करें पालनप्रदोष व्रत पर क्या करें उपाय, ताकि वैवाहिक जीवन में बनी रहे मिठास?
प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है। ऐसे में यह दिन वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए खास रहेगा। मान्यता है कि इस दिन खास उपाय करने से दांपत्य जीवन में मिठास बनी रहती है। ऐसे में गुरू प्रदोष व्रत के दिन एक लोटे में जल भरकर रखें। फिर इस जल में काल तिल और गुड़ मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित कर दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से दांपत्य जीवन हमेशा के लिए खुशहाल रहता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।