पौष माह में क्या करें
पौष में सूर्य देव को जल में रोली-अक्षत और लाल फूल मिलाकर रोजाना अर्पित करना चाहिए। इस दौरान सूर्य-मंत्र 'ओम् सूर्याय नमः' इस आसान मंत्र का जाप करना चाहिए। सूर्य को जल देने के साथ-साथ तुलसी में भी जल देना अच्छा माना गया है। ऐसे में पीतल के टोले से पूरे पौष मास में तुलसी में जल दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु भी प्रसन्न होंगे। पौष माह में दान का खास महत्व है। इसलिए इस दौरान अनाज, हरी सब्जियां, दाल, तिल (काले-सफेद), कंबल, जूते इत्यादि का दान करेंगे तो अच्छा रहेगा। पौष में भगवान विष्णु की उपासना भी शुभफलदायी है। इसके अलावा इस महीने में गीता का पाठ कराना शुभ रहेगा। अगर कपड़े पहनने की बात करें तो पौष में जितना संभव हो सके लाल और पीला वस्त्र पहनना चाहिए। पौराणिक मन्यता के अनुसार, पौष के प्रत्येक रविवार का व्रत रखने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही अगर पौष में तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल दिया जाए तो कुंडली का सूर्य मजबूत रहता है। पौष मास में खिचड़ी-दान की परंपरा भी है। ऐसे में अगर आप सक्षम हैं तो प्रत्येक शनिवार को जरुरतमंदों के बीच इसका दान करें। ऐसा करने से सूर्य-पुत्र शनि की कृपा प्राप्त होगी।पौष में क्या ना करें
पौष में नॉनवेज का सेवन ना करें। साथ ही इस अवधि में शराब इत्यादि का भी सेवन ना करें। इसके अलावा पौष में गोभी (फूलवाली), बैंगन (हरा, लाल), दाल (मसूर), मूली इत्यादि का सेवन ना करें तो अच्छा है। पौष में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य ना करें। दरअसल पूस में गृह प्रवेश, घर बदलना, नया कार्य शुरू करना, भगन निर्माण समेत तमाम प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य निषेध हैं। यह भी पढ़ें: नींव में क्यों डालते हैं कलश और चांदी से बना सांप?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।