कहते हैं कि कर्मों का फल जरूर मिलता है। अच्छे कर्म करो तो अच्छा फल और बुरे कर्म करो तो सजा जरूर मिलती है। कर्मफल देने के लिए शनि देव को त्रिदेव की ओर से अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसा शास्त्रों में भी उल्लेख है कि कर्मफल दाता शनि देव हर इंसान को उसके कर्मों का फल कर्मों के अनुसार देते हैं। हर राशि और हर अंक के जातक को कर्मफल जरूर मिलता है। अंक शास्त्र में कुछ ऐसी तिथियों के बारे में बताया गया है जिन पर जन्मे लोग कभी भी अपने कर्म फल से नहीं बच सकते हैं। इन्हें शनि के प्रकोप का सामना करना ही पड़ता है। चलिए जानते हैं उन्हीं तिथियों के बारे में।
किन लोगों से है शनि का खास संबंध?
अंक शास्त्र के अनुसार, किसी भी महीने की 1, 4, 8, 9, 10, 13, 17, 18, 19, 22, 26, 27, 28 या 31 तारीख पर जन्मे लोगों को अपने कर्मों का फल जरूर मिलता है। इन तिथियों का कर्मफल दाता शनि से गहरा संबंध है, जिसके कारण ये अपने कर्मों से भाग नहीं पाते हैं। शास्त्रों में 8 नंबर को शनि का अंक माना जाता है। इसलिए जिन लोगों की जन्म तिथि में 8 नंबर आता है उन्हें कभी भी बुरे कर्म नहीं करने चाहिए। नहीं तो वो जीवनभर परेशान रहते हैं।
कमजोर शनि का प्रभाव
जिन लोगों के ऊपर शनि का अशुभ प्रभाव पड़ता है, उन्हें कमजोरी, पेट दर्द और त्वचा से संबंधित रोग होते हैं। इसके अलावा कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
शनि के अशुभ प्रभाव के कारण बाल झड़ते हैं और व्यक्ति कुछ ही समय में गंजा हो जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति कमजोर होती है, उनके घर में हर समय क्लेश का वातावरण रहता है।