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Astrology: ज्योतिष में सिर्फ 9 ही क्यों होते हैं ग्रह, क्या है इसका रहस्य?

Secrets of Astrological Planets: वैदिक ज्योतिष में सिर्फ 9 ही ग्रह माने गए हैं, जबकि साइंस के अनुसार कई सारे ग्रह खोज लिए गए हैं। इसका मेन कारण इन ग्रहों का पृथ्वी और उसके जीवों के ऊपर पड़ने वाला इफेक्ट है।

ग्रहों का रहस्य
Secrets of Astrological Planets: वैदिक ज्योतिष में पृथ्वी को केंद्र मानकर ग्रहों की स्टडी की जाती है। इस कारण जो भी ग्रह पृथ्वी से दिख सकते हैं, उन्हीं को ज्योतिष में ग्रह माना गया है। ज्योतिष में जिन ग्रहों का प्रभाव हमारी पृथ्वी के ऊपर पड़ता है उन्हीं को ग्रह माना गया है। जैसे साइंस के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है, इसके बावजूद इसको ग्रह माना गया है। इसके साथ ही सूर्य को भी ग्रह माना गया है। इन दोनों का ही सीधा प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है क्योंकि वे चंद्रमा की कक्षीय गति के अनुसार ग्रहण और अन्य ज्योतिषीय प्रभाव डालते हैं। राहु और केतु को चंद्रमा की आर्बिट के ही दो प्वाइंट माना गया है। इस दो प्वाइंट सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का कारण बनते हैं, इस कारण इनको छाया ग्रह माना गया है।

यूरेनस और नेप्च्यून व प्लूटो हैं ज्योतिष से बाहर

यूरेनस, नेप्च्यून और प्लूटो पृथ्वी से टेलीस्कोप के माध्यम से ही देखा जा सकता है और यह पृथ्वी से काफी दूर हैं, इस कारण इनका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। यही कारण हैं, इनको ज्योतिष में न के बराबर गिना जाता है। यूरेनस की खोज 1781, नेप्च्यून की खोज 1846 और प्लूटो को 1930 में टेलीस्कोप के माध्यम से खोजा गया है। वहीं, प्लूटों का 2006 में ग्रहों की श्रेणी से ही हटा दिया गया था।

मनुष्य के जीवन के 9 पहलु हैं ये ग्रह

माना जाता है कि मनुष्य के जीवन ये ग्रह मनुष्य के जीवन के 9 पहलुओं (स्वास्थ्य, धन, करियर, शिक्षा, प्रेम, विवाह, संतान, भाग्य और आध्यात्मिकता) को प्रदर्शित करते हैं। अंकज्योतिष में भी 9 अंक को संपूर्णता का प्रतीक माना जाता है। [embed]

9 महीने गर्भ में रहता है बच्चा

मेडिकल साइंस अनुसार मां गर्भ में 9 महीने तक बच्चा रहता है। इस दौरान उसका शरीर पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है। इस दौरान ग्रहों का प्रभाव भी बच्चे पर पड़ता है।

मुख्य रूप से हैं 7 ग्रह और 2 छाया ग्रह

ज्योतिष में मुख्य रूप से 7 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, गुरु, मंगल और शनि हैं। वहीं, राहु और केतु छाया ग्रह हैं।

9 अंक है महत्वपूर्ण

अंक ज्योतिष के अनुसार 9 अंक काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि दिशाएं भी 9 ही होती हैं। इसमें (पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम) और सबसे लास्ट आकाश और पाताल की दिशा (ऊर्ध्व-अधो दिशा) आती है। इसके साथ ही नवदुर्गा भी होती हैं। खास बात यह है अंक 9 का किसी भी संख्या से गुणा करने पर आए उत्तर के अंकों या योग भी 9 ही होता है। इस कारण 9 ग्रह पूरे जीवन चक्र को संतुलित करते हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। ये भी पढ़ें- Astrology: क्या होती है लग्न कुंडली, जानिए देखने का सरल तरीका?  


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