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यहां पर था भगवान राम का ननिहाल, वनवास में भी बिताया था समय

Bhagwan Ram Nanihaal: भगवान राम का नाम स्मरण करते ही न जाने कितने पाप धुल जाते हैं। सनातन धर्म के ऐसे आदर्श चरित्र की चर्चा भारत के हर घर में होती है, फिर चाहें वो एक मनुष्य के रूप में हो, एक बेटे के रूप में हो, एक भाई के रूप में हो, जब भी […]

Bhagwan Ram Nanihaal: भगवान राम का नाम स्मरण करते ही न जाने कितने पाप धुल जाते हैं। सनातन धर्म के ऐसे आदर्श चरित्र की चर्चा भारत के हर घर में होती है, फिर चाहें वो एक मनुष्य के रूप में हो, एक बेटे के रूप में हो, एक भाई के रूप में हो, जब भी एक राजा के रूप में हो या एक पति के रूप में हो, श्रीराम हर रूप में लोगों के लिए आदर्श हैं। राजा के रूप में जो उदाहरण वो देकर गए हैं, उनका अनुमान इसी बात से हो जाता है कि आज भी लोग राम राज की कल्पना करते हैं। उनके संस्कार और संस्कृति ऐसी की अब विदेशों में भी लोग सनातन संस्कृति को अपना रहे हैं। हिंदू धर्म के सबसे सुंदर चरित्र की व्याख्या जब भी होगी तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जिक्र जरुर होगा। श्री राम के जन्मभूमि के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन क्या आप उनके ननिहाल के बारे में जानते हैं? क्या आपको माता कौशल्या के जन्मस्थान के बारे में पता है? राम का जन्म उत्तर प्रदेश के पवित्र स्थान अयोध्या में हुआ था जहां से उन्होंने पूरे भारतवर्ष में राज किया। इसकी जानकारी आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को है। अगर बात उनके ननिहाल की हो तो इसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते और ना ही इसका कहीं भी ज्यादा जिक्र होता है। लेकिन आज हम आपको भगवान राम के ननिहाल के बारे में बताएंगे। भारत में इस गांव में लोग ना सिर्फ भगवान राम की पूजा करते हैं बल्कि मां कौशल्या की भी पूजा करते हैं। इस गांव में श्रीराम को भांजा माना जाता है। यह भी पढ़ें: Kaalchakra: ये हैं लक्ष्मी प्राप्ति के 4 महाशक्तिशाली उपाय

आज के छत्तीसगढ़ में था श्रीराम का ननिहाल (Ram Nanihaal)

दरअसल उस समय भारतवर्ष के दक्षिण कौशल के राजा थे भानुमांत, जिनकी बेटी कौशल्या का विवाह उत्तर कौशल राज्य के राजा दशरथ के साथ हुआ था। दक्षिण कौशल वर्तमान में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य को कहा जाता है। इसी रिश्ते से छत्तीसगढ़ में आज भी भगवान राम को भांजा माना जाता है। माता कौशल्या का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव को माना जाता है। इस गांव में दुनिया का इकलौता मंदिर है जो तालाब के बीचों बीच है और इस मंदिर में माता कौशल्या की पूजा की जाती है। मंदिर में एक सुंदर मूर्ति है जिसमें राम लला माता कौशल्या के गोद में खेलते हुए नजर आते हैं। लोगों का मानना है कि भगवान राम ने अपने बचपन में यहां पर काफी समय बिताया है। अपने वनवास के दिनों में भी वो यहां रहे हैं, वनवास के 14 वर्षों के करीब 10 वर्ष तक वो छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों पर रहे। बरसों से लोग यहां मां कौशल्या और श्रीराम की पूजा करते आ रहे हैं। जरा सोचिए वो मां कैसी होगी जिसने श्रीराम जैसे बेटे को जन्म दिया। आखिर ऐसी मां की पूजा क्यों ना की जाए जिसकी संतान युगों युगों से मनुष्य जाति के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रही हो। माता कौशल्या का इकलौता मंदिर होने की वजह से यहां पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने से लोग माता के दर्शन आते हैं। यह भी पढ़ें: Vivah Muhurat 2024: अगले वर्ष विवाह के लिए ये हैं शुभ मुहूर्तों की पूरी लिस्ट

गांव में है 100 से अधिक तालाब

गांव में एक-दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा तालाब है। इन तालाबों के बीच बना ये मंदिर किसी सुंदर टापू के जैसा प्रतीत होता है। मंदिर के आस-पास लक्ष्मीनारायण के साथ साथ समुद्र मंथन की प्रतिमा भी बनाई गई है जो समुद्र में मंथन जैसा लगता है। यह दृश्य ऐसा लगता है मानो साक्षात भगवान राम के दर्शन हो गए हों। तालाब में तैरती ढेर सारी मछलियां यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक पास भगवान राम की विशालकाय मूर्ति बनी है। मंदिर में आने वाले सभी लोग यहां अक्सर तस्वीर खिंचवाते दिख जाते हैं। इस मूर्ति की ऊंचाई 51 फीट है, प्रत्येक वर्ष नवरात्रि में यहां विशेष प्रकार से पूजा अर्चना होती है। विशेषकर रामनवमी पर यहां का मनोरम दृश्य तो देखते ही बनता है। धार्मिक और पर्यटन दोनों ही दृष्टि से ये जगह काफी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि इसे सरकार की मदद से अब धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है जिससे यहां के आस -पास के क्षेत्रों का भी विकास हो सके। आजकल यहां पर आस पास बहुत सी दुकानें खुल गई हैं और क्षेत्र के विकास के लिए डेवलपमेंट का काम भी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी साल चंदखुरी में बने माता कौशल्या मंदिर में आने वाले भक्तों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए आदेश दिया था। भक्तों के दर्शन को और सरल बनाने और मंदिर के सौंदर्यीकरण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए थे। साथ ही मंदिर के बाहर सड़क चौड़ीकरण, स्ट्रीट लाइट, वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव को निर्देशित किया था। इस प्रकार सरकार इसे धार्मिक नगरी बनाने की पूरी तैयारी कर रही है। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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