सभी 9 ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह होता है बृहस्पति, लेकिन जन्मकुंडली में इन जगहों पर देता है अशुभ फल
Jyotish Tips: ज्योतिष में बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ ग्रह बताया गया है। विशेष कर यदि गुरु जन्मकुंडली के दूसरे, पांचवे, नवें या ग्यारहवें भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति का पूरा जीवन ही सुखमय बीतता है। जन्मकुंडली के अलग-अलग भावों में गुरु अलग-अलग फल देता है। जानिए इस बारे में विस्तार से
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि गुरु जन्मकुंडली में लग्न में बैठा हो, शुभ स्थिति में हो तथा अन्य ग्रह भी अनुकूल हो तो ऐसे व्यक्ति के भाग्य में राजयोग का निर्माण होता है। वह भिखारी के घर जन्म लें तो भी करोड़पति बन जाता है। सरकारी नौकरी करता है, तो बड़ा अधिकारी पद प्राप्त करता है। इसी प्रकार गुरु छठे, आठवें तथा बारहवें भाव को छोड़कर शेष सभी जगह शुभ फल देता है।
यह भी पढ़ें: Guruwar Ke Upay: करोड़पति बनने के लिए गुरुवार को करें हल्दी के ये 3 उपाय
जन्मकुंडली के इन भावों में अशुभ फल देता है गुरु (Jyotish Tips)
आचार्य अनुपम जौली कहते हैं कि छठे, आठवे या बारहवें भाव में गुरु का होना व्यक्ति के लिए विपत्तियां लेकर आता है। हालांकि यहां भी कुछ ऐसे संयोग बन सकते हैं जो जातक के लिए शुभ माने गए हैं। फिर भी अधिकांशतया इन तीन स्थानों पर गुरु को अशुभ ही बताया गया है।
यह भी पढ़ें: बुध के इन उपायों से व्यापार और नौकरी में मिलेगी सफलता, कॅरियर रातोंरात उड़ान भरेगा
अशुभ ग्रहों के साथ मिल कर देता है अशुभ फल
यदि गुरु पर किसी दुष्ट ग्रह यथा शनि, राहु, केतु या शुक्र की दृष्टि हो तो भी बृहस्पति अशुभ फल देने लगता है। विशेषकर शनि और राहु, केतु के साथ गुरु का शुभ प्रभाव दब जाता है। उस स्थिति में जातक को गुरु की अनुकूलता पाने के लिए दुष्ट ग्रहों का उपाय करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.