हनुमान जी का मंदिर
जी हां आपने ऊपर सही पढ़ा, इस खबर में हनुमान जी के बारे में जिक्र कर रहे हैं। हनुमान जी का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से 25 किलोमीटर पर स्थित है। यह मंदिर पूरे विश्व का इकलौता मंदिर है जहां पर हनुमान जी को नारी के रूप में पूजा जाता है। यहां हनुमान जी की मूर्ति को सोलह श्रृंगार भी चढ़ाया जाता है। यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है खास अंतर, जानें धार्मिक कारणस्वयं प्रकट हुई थी यह मूर्ति
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गिरजाबंध में स्थित हनुमान जी की यह स्वयं प्रकट हुई थी। मान्यता है कि हनुमान जी प्रत्येक दिन द्वारिकापुरी से यहां तक फेरी लगाने के लिए आते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, हनुमान जी के मंदिर में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन और श्रद्धा के साथ अपनी मनोकामना लेकर आते हैं उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है। साथ ही हनुमान जी का आशीर्वाद भी बना रहता है। यह भी पढ़ें- साल 2024 का अंतिम महीना 4 राशियों के लिए बेहद शुभ, हर क्षेत्र में कमाएंगे खूब नामकिसने कराया था मंदिर का निर्माण
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवजू नामक राजा ने करवाया था। राजा हनुमान जी के बड़े भक्त थे और उन्हें कुष्ठ रोग था। राजा देवजू कई सालों तक रतनपुर में शासन किया था। मान्यता है कि हनुमान जी ने राजा को मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। उसके बाद ही राज ने मंदिर का निर्माण करवाया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि हनुमान जी राजा के सपने में भी आए थे और उन्हें महामाया कुंड से मूर्ति निकालकर स्थापित करने आदेश दिया था। उसके बाद ही राजा ने मंदिर में मूर्ति स्थापित कराया। यह भी पढ़ें- पूजा-पाठ के लिए कौन सा बर्तन शुभ और अशुभ, शास्त्र में क्यों है वर्जितडिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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