छठी मैया का ब्रह्मा जी के साथ संबंध
शास्त्रों के मुताबिक, छठी मैया सूर्य देव की बहन है। जिन्हें षष्ठी से नाम से जाना जाता है, लेकिन आम बोलचाल में बहुतायत छठी मैया ही कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्मा जी इस सृष्टि के रचयिता हैं। यानी इस सृष्टि को ब्रह्मा जी ने ही अपने करकमलों से निर्मित किया है, ऐसी आमधारण है। पौराणिक कथा और ग्रंथों के मुताबिक छठी मैया भगवान ब्रह्मा की पुत्री हैं। यह भी पढ़ें: छठ पूजा कब से शुरू है 17 या 18 नवंबर से? कंफ्यूजन करें दूर, जानिए खरना से लेकर पारण तक शुभ मुहूर्त एक अन्य पौराणिक कथा है कि सृष्टि की रचना करने के दौरान भगवान ब्रह्मा ने अपने शरीर को दो भागों में विभक्त कर लिया था। जिसके बाद उनके दाहिने भाग से मनुष्य का जन्म हुआ और बाएं हिस्से से प्रकृति की उत्पत्ति हुई। जिसके बाद प्रकृति ने खुद को छह भागों में अलग-अलग कर लिया। प्रकृति देवी के छठे अंश को षष्ठी देवी कहा जाता है। कालांतर में षष्ठी शब्द आम बोलचाल में छठ के रूप में प्रयुक्त होने लगा।छठी मैया किनकी पत्नी हैं?
पुराणों के अनुसार, छठी मैया के पति का नाम कार्तिकेय है। भगवान कार्तिकेय माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। इन्हें भगवान गणेश का भाई भी माना जाता है। श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार प्रकृति के छठे अंश से प्रकट हुई 16 माताओं में सबसे प्रसिद्ध छठी मैया हैं, जो कार्तिकेय की पत्नी हैं।छठ पूजा 2023: अर्घ्य समय
रविवार, 19 नवंबर संध्याकालीन अर्घ्य- 06:00 बजे सोमवार, 20 नवंबर को सूर्योदय अर्घ्य- 06:48 बजे यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2023: छठ पूजा क्यों मनाई जाती है? जानिए शुभ मुहूर्त, इतिहास और पौराणिक महत्व
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