पूजा के दौरान भगवान पर क्यों चढ़ाया जाता है अक्षत, जानें यहां

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं। पूजा-पाठ में देवी-देवताओं पर कई तरह के समान भी अर्पित किए जाते हैं।

अक्षत क्यों करते हैं अर्पित

अक्षत क्यों करते हैं अर्पित

पूजा-पाठ के सामान में एक अक्षत है, जो देवी-देवताओं पर खासकर चढ़ाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है भगवान पर अक्षत क्यों चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं।

अक्षत क्यों चढ़ाया जाता

अक्षत क्यों चढ़ाया जाता

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चावल को अन्न में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। मान्यत है कि किसी भी पूजा-पाठ में अक्षत अर्पित करना सबसे उत्तम माना जाता है।

अक्षत सबसे श्रेष्ठ होता है

अक्षत सबसे श्रेष्ठ होता है

मान्यता है कि पूजा-पाठ में सफेद चावल अर्पित करने से जीवन में सुख-शांति बना रहती है, क्योंकि सफेद चावल शांति का प्रतीक माना गया है।

चावल शांति का प्रतीक

चावल शांति का प्रतीक

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चावल को सबसे शुद्ध अन्न के रूप में देखा जाता है। इसलिए अक्षत को पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है।

शुद्ध अन्न

शुद्ध अन्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई जातक पूजा-पाठ से पहले अक्षत लेकर संकल्प लेता है, कि जीवन से सारी परेशानियां खत्म हो जाए।

खत्म हो जाती है परेशानियां

खत्म हो जाती है परेशानियां

क्योंकि अक्षत का अर्थ ही होता है जो खंडित न हो। यानी अक्षत एकाग्रता का सूचक होता है।

एकाग्रता का सूचक

एकाग्रता का सूचक