वृश्चिक संक्रांति पर करें खास चीजों का दान, मिलेगा सूर्य देव का आशीर्वाद

वृश्चिक संक्रांति कब है?

वृश्चिक संक्रांति कब है?

वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी राशि बदलते हैं। मान्यता है कि इस दिन सू्र्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं।

महापुण्य काल का समय

महापुण्य काल का समय

पंचांग के मुताबिक इस साल वृश्चिक संक्रांति 17 नवंबर शुक्रवार को है। इस दिन महा पुण्य काल सुबह 6 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक है।

दान की है परंपरा

वृश्चिक संक्रांति के दिन महा पुण्य काल में स्नान के बाद दान करने की परंपरा है। इस दिन दान करने से कई गुणा अधिक पुण्य की प्राप्त होती है।

वस्त्र और अनाज का करें दान

वृश्चिक संक्रांति के दिन जरूरतमंद या गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए। साथ ही साथ उनके बीच वस्त्र और अनाज का दान करना चाहिए।

सूर्य को लगाएं गुड़ और तिल के भोग

सूर्य को लगाएं गुड़ और तिल के भोग

संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने के साथ गुड़ और तिल का भोग लगाएं। इसके बाद इसे प्रसाद रूप में हर किसी को बांटना चाहिए।

खाद्य वस्तुओं का दान

खाद्य वस्तुओं का दान

संक्रांति के दिन कंबल, आटा, दाल आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से पुण्य फल में गई गुणा वृद्धि होती है।

धातुओं का दान

धातुओं का दान

वृश्चिक संक्रांति पर धातुओं का दान करना भी शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन धातुओं का दान करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।

गौ-दान

गौ-दान

वृश्चिक संक्रांति के दिन गौ का दान महादान माना जाता है। ऐसे में आप चाहें तो इस दिन गाय का भी दान कर सकते हैं।