धार्मिक परंपरा के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन सुहागिन महिलाओं को तुलसी विवाह जरूर संपन्न कराना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता को सुहाग की वस्तुएं जरूर अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।
तुलसी विवाह के दिन घर में गमले में शालीग्राम जरूर रखना चाहिए। इस दिन शालीग्राम भगवान को तिल जरूर अर्पित करना चाहिए।
तुलसी विवाह के दिन शालीग्राम और तुलसी के पौधे को तिलक जरूर लगना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में शुभता का संचार होता है।
तुलसी विवाह के दिन पूजन के बाद तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। इस दिन तुलसी की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।
तुलसी पूजा खत्म होने के बाद शाम के समय भगवान विष्णु को नींद से जगाने का आह्वान करना चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है।
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। यह मंत्र तुलसी माता को समर्पित है।
ॐ सुभद्राय नम:' मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें। इसके अलावा 'महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।' इस मंत्र का भी जाप करें।