राजकुमार के वो डायलॉग्स, जो आज भी लोगों के कानों में  गूंजते हैं

अपने जमाने के लीजेंड्री एक्टर रहे राजकुमार ने अपने दमदार डायलॉग्स के साथ मूवी को हिट बना दिया करते थे

राजकुमार

राजकुमार

आप भी देखे ये डायलॉग्स  जिन्हें सुनकर दर्शक तालियों थमनें का नाम नही  लेती थी

डायलॉग्स 

जब राजेश्वर दोस्ती निभाता है तो अफसाने लिक्खे जाते हैं.. और जब दुश्मनी करता है तो तारीख़  बन जाती है

फिल्म सौदागर 

जिसके दालान में चंदन का ताड़ होगा, वहां तो सांपों का आना-जाना लगा  ही रहेगा

फिल्म  बेताज बादशाह

फिल्म  बेताज बादशाह

चिनॉय सेठ, जिनके अपने घर शीशे के हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते

फिल्म  वक्त

फिल्म  वक्त

हम कुत्तों से बात नहीं करते

फिल्म मरते दम तक

फिल्म मरते दम तक

इरादा पैदा करो, इरादा. इरादे से आसमान का चांद भी इंसान के कदमों में सजदा करता है

फिल्म  बुलंदी

फिल्म  बुलंदी

राजस्थान में हमारी भी ज़मीनात हैं. और तुम्हारी हैसियत के जमींदार, हर सुबह हमें सलाम करने, हमारी हवेली पर आते रहते हैं

फिल्म  सूर्या

फिल्म  सूर्या

बेशक मुझसे गलती हुई. मैं भूल ही गया था, इस घर के इंसानों को हर सांस के बाद दूसरी सांस के लिए भी आपसे इजाज़त लेनी पड़ती है. और आपकी औलाद ख़ुदा की बनाई हुई ज़मीन पर नहीं चलती, आपकी हथेली पर रेंगती है

फिल्म  पाकीजा

फिल्म  पाकीजा

जब ख़ून टपकता है तो जम जाता है, अपना निशान छोड़ जाता है, और चीख़-चीख़कर पुकारता है कि मेरा इंतक़ाम लो, मेरा इंतक़ाम लो

फिल्म  इंसानियत का देवता

फिल्म  इंसानियत का देवता