खरना पूजा के दिन भूलकर भी न करें यह काम

छठ महापर्व शुरू

छठ महापर्व शुरू

छठ महापर्व का आरंभ आज 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हो चुका है। छठ व्रती आज नहाय-खाय करेंगी। 

छठ का खरना कब है?

छठ का खरना कब है?

चार दिवसीय छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा होती है। इस दिन मां षष्ठी की पूजा के लिए तैयारी की जाती है। खरना पूजा 18 नवंबर को की जाएगी। 

36 घंटे तक रखा जाता है निर्जला व्रत

36 घंटे तक रखा जाता है निर्जला व्रत

छठ व्रत के दौरान 36 घंटे तक जल का भी सेवन नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं खरना पूजा के दिन क्या न करें।

व्रत में शुद्धता है जरूरी

व्रत में शुद्धता है जरूरी

खरना पूजा के दिन गंदे हाथ से पूजन की सामग्रियों को नहीं छूना चाहिए। छठ व्रत में शुद्धता और स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाता है। 

व्रत का अहम नियम

व्रत का अहम नियम

खरना पूजा के दिन बनने वाला प्रसाद छठी मईया को भोग लगाने के बाद भी दूसरे को देना चाहिए। यह व्रत का एक अहम नियम है। 

साफ-सफाई

साफ-सफाई

छठ पूजा खरना के दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। किसी भी चीज को बिना हाथ धोए नहीं छूना चाहिए। 

जमीन पर शयन

जमीन पर शयन

छठ पूजा के खरना से ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। ऐसे में इस दौरान व्रतधारी लोगों को जमीन पर ही सोना चाहिए। 

छठ पूजा के दौरान पूरे 4 दिन लहसुन-प्याज इत्यादि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना व्रत नियम के खिलाफ है।

न करें तामसिक भोजन

न करें तामसिक भोजन

खरना के दिन जो प्रसाद तैयार करें उसे पूजा के बाद जरूरतमंदो को जरूर दें। मान्यता है कि इससे छठी मैया प्रसन्न होती हैं।

जरूर बांटें पूजा प्रसाद

जरूर बांटें पूजा प्रसाद