मुनव्वर राणा की 10 मशहूर शायरियां

Alisha Haleem

'छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको, यह बच्चा अभी मां की दुआ ओढ़े हुए है'

'इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,  मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊं, मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं'

'सिसकियां उसकी न देखी गईं मुझसे 'राना', रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू,  मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना'

'लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,  बस एक मां है जो मुझसे ख़फा नहीं होती अब भी चलती है जब आंधी कभी ग़म की 'राना', मां की ममता मुझे बाहों में छिपा लेती है'

'अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो,  तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो'

'मुनव्वर मां के आगे यूं कभी खुल कर नहीं रोना, जहां बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती'

'किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई, मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आई'