दिल्ली की सड़कों पर तांगा चलाने वाला कैसे बना मसाला किंगदिल्ली की सड़कों पर तांगा चलाने वाला कैसे बना मसाला किंगAshutosh Ojhaमसालों का शहंशाहआज हम बताने जा रहे हैं उस शख्स की कहानी, जो मेहनत और संघर्ष के बल पर मसालों का शहंशाह बन गया।किताब में जिक्रये कहानी है MDH के चेयरमैन स्व. महाशय धर्मपाल गुलाटी की। इसका जिक्र उन्होंने खुद ही अपनी किताब में किया है।आइए जानते हैं.सियालकोट में जन्मसियालकोट (आज के पाकिस्तान) में जन्मे महाशय धर्मपाल जब महज साढ़े 14 साल के थे, तभी उनका परिवार भारत आ गया। दिल्ली में तांगा चलायादिल्ली आकर वे तांगा चलाने लगे। इस काम में जब मन नहीं लगा तो करोलबाग क्षेत्र में उन्होंने मसालों की दुकान खोली।पहली फैक्ट्रीगुलाटी ने मसालों की सबसे पहली फैक्ट्री 1959 में दिल्ली के कीर्ति नगर में लगाई।दुनियाभर में कारोबारएमडीएच के मसाले आज दुनियाभर के 100 से भी अधिक देशों में इस्तेमाल किए जाते हैं।सबसे अमीर बुजुर्ग 5400 करोड़ की संपत्ति के साथ धर्मपाल गुलाटी IIFL hurun rich list 2020 में शामिल भारत के सबसे अमीर बुजुर्ग थे।निधनबता दें, पद्मविभूषण से सम्मानित महाशय धर्मपाल गुलाटी का 3 दिसंबर 2020 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया।