चांदी के बर्तन में पानी पीने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। मुगल काल के राजा महाराजा सोने या चांदी के बर्तनों में ही खाना खाते थे और पानी पीते थे।
आयुर्वेद में भी चांदी के बर्तन में पानी पीना फायदेमंद बताया गया है। चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से कफ, पित्त और वात से जुड़ी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
चांदी के बर्तन में पानी पीने से मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है। यह किन्हीं कारणों से नष्ट हो चुके शरीर के टिशूज की मरम्मत भी करता है। 2006 में हुई एक रिसर्च में भी इसका जिक्र हुआ है।
चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को एनर्जी मिलती है। शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है और कई अंग मजबूत होते हैं। शरीर ताकतवार बनता है।
चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से एलर्जी और इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहता। आजकल वायरल इन्फेक्शन लोगों को बहुत जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है।
चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। पेट, लिवर, किडनी और आंतों से जुड़ी परेशानियां नहीं होतीं।
चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से यूरिन इन्फेक्शन नहीं होता, लेकिन इसे नुस्खे के तौर पर इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
चांदी के बर्तन में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो कैंसर के कारकों का खात्मा करने में सक्षम होते हैं। इसलिए चांदी के बर्तन में रखा पानी पीने से कैंसर होने का खतरा कम होता है।
चांदी के बर्तन में पानी भरें और उसे ढककर रख दें। रातभर बर्तन में पानी रखें और सुबह उसे खाली पेट पिएं। चांदी की बोतल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।