ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से बिल्कुल बचना चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से जातक रेंगने वाले जीव की योनी में जन्म लेता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह होता है। इसलिए देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ने से बचना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन किसी से लड़ाई झगड़ा करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि लड़ाई झगड़ा करने से मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है।
दो जातक देवउठनी एकादशी के दिन व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें किसी प्रकार की तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि सात्विक भोजन ही खाएं।
मान्यता है कि जो जातक देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है साथ ही पूण्य फल की प्राप्ति भी होता है।