डार्क चॉकलेट को थोड़ा-थोड़ा दो बार लेते हैं, तो बीपी कम करने में हेल्प मिलती है। इसके सेवन से ब्लड फ्लो बेहतर होता है और खून के थक्के जमने से रोकता है।
डार्क चॉकलेट दिल के साथ-साथ दिमाग में भी खून का दौरा बेहतर करता है। डार्क चॉकलेट के सेवन से स्ट्रोक का खतरा कम करने में सहायता मिलती है।
डार्क चॉकलेट आर्टिरीज को हेल्दी बनाए रखती है और टाइप-2 डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है। डार्क चॉकलेट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है यानी इसके सेवन से खून में ग्लूकोस की मात्रा नहीं बढ़ती।
डार्क चॉकलेट में थ्रोम्बिन होता है, जो दांतों के इनेमल को मजबूत करता है। जैसे अन्य मीठे आइटम्स दातों को नुकसान पहुंचाते हैं, उसके उलट डार्क चॉकलेट खाने पर कैविटी होने का खतरा नहीं रहता है।
डार्क चॉकलेट में मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर के मेटाबोलिज्म को बूस्ट करके कैलोरी बर्न करने में हेल्प करता है।
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