4 महिलाओं को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए छठ का व्रत, जानें इसका कारण
संवेदनाएं
संवेदनाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ महापर्व के प्रति लोगों की संवेदनाएं जुड़ी होती हैं। यह आस्था और श्रद्धा का पर्व माना गया है।
छठ व्रत करने का नियम
छठ व्रत करने का नियम
छठ पर्व में 36 घंटों तक बिना कुछ खाएं पीए यानी निर्जला रहकर उपवास किया जाता है। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ खास नियम भी होते हैं। तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।
ये महिलाएं न रखें छठ व्रत
ये महिलाएं न रखें छठ व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छठ का महापर्व कुछ महिलाओं के लिए वर्जित होता है। मान्यता है कि इन महिलाओं छठ व्रत भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिला
गर्भवती महिला
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को छठ महापर्व का व्रत नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इस व्रत में कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को छठ का व्रत नहीं करना चाहिए।
बीमार और बुजुर्ग महिला
बीमार और बुजुर्ग महिला
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छठ का व्रत बहुत ही अधिक कठिन होता है। साथ ही यह ठंड के दिनों में किया जाता है। ऐसे में बुजुर्ग व बीमार महिलाएं व्रत को करती हैं, तो और अधिक परेशान हो सकती हैं।
मासिक धर्म वाली महिलाएं
मासिक धर्म वाली महिलाएं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसी महिलाएं जिनका छठ पर्व के समय मासिक धर्म चल रहा है। वैसी महिलाएं भूलकर भी छठ का व्रत नहीं करना चाहिए।
कुंवारी कन्याएं
कुंवारी कन्याएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंवारी कन्याओं को भूलकर भी छठ का व्रत नहीं करना चाहिए। क्योंकि शादीशुदा महिलाएं संतान प्राप्ति और पति की दीर्घायु रहने के लिए व्रत रखती हैं।