जानें क्या है छठ पूजा के दिन बांस के सूप से जुड़ी मान्यता

छठ पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा का व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता और सप्तमी के दिन खत्म हो जाता है।

संतान सुख

यह चार दिनों तक चलने वाला महापर्व होता है। साथ ही यह व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

छठ महापर्व का व्रत

मान्यता है कि छठ महापर्व का व्रत यदि निसंतान महिला करती है, तो उन्हें तेजस्वी संतान की प्राप्ति होती है।

बांस से बने सूप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा में बांस से बने सूप का प्रयोग किया जाता है क्योंकि जिस तरह बांस 8 हप्ते में ही 60 फीट ऊंचा हो जाता है ठीक उसी प्रकार घर में खुशहाली भी बनती है।

छठ व्रत का अनुष्ठान

बांस के सूप से छठ व्रत का अनुष्ठान करने से संतान के जीवन में तेजी से उन्नति होती हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।

संतान का स्वास्थ्य

इसके साथ ही छठ पूजा में व्रत रखने से संतान का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।

छठ की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ की पूजा बांस के सूप बिना अधूरी मानी जाती है।