खून का टेस्ट करवाना कब-कब जरूरी?

अगर आपको जरूरत से ज्‍यादा भूख और प्यास लग रही है, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इसलिए कुछ भी लक्षण दिखने पर ब्‍लड ग्‍लूकोज टेस्‍ट कराना चाहिए।

लगातार भूख लगे

सीने में दर्द, सांस की परेशानी, चक्कर आना या अन्य दर्द, खासतौर से गर्दन, जबड़ा, कमर में दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं और इसके अलावा अगर हाथ या पैर में सुन्न या कमजोरी महसूस हो, तो यह ब्‍लड वेसेल्‍स के सिकुड़ने का संकेत होता है, जो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। अगर कोई भी ऐसा लक्षण दिखे, तो ब्‍लड टेस्ट कराना चाहिए।

सीने में दर्द होना

आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल का कोई भी लक्षण नहीं होता है। इसका पता केवल खून की जांच से ही चलता है। कोलेस्ट्रॉल को लिपिड पैनल ब्‍लड टेस्‍ट से मापा जाता है। अगर टेस्‍ट पॉजिटिव है, तो यह हार्ट डिजीज की शुरुआत का संकेत है। यह उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनकी फैमिली में हाई कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री है।

हाई कोलेस्ट्रॉल

वजन में अचानक बदलाव होना नॉर्मल नहीं है। यह एक तरह से संकेत है ब्‍लड टेस्‍ट कराने का समय आ गया है। वजन में बदलाव होना थायरॉयड समस्याओं का एक लक्षण हो सकता है। थायराइड टेस्‍ट ब्‍लड टेस्‍ट में सबसे नॉर्मल टाइप का टेस्‍ट है।

वजन में बदलाव

मूड में तेजी से बदलाव के भी कई वजह हो सकती हैं। इनमें हार्मोन चेंजेस, थायरॉयड डिसऑर्डर और सेंट्रल नर्वस सिस्टम जैसे बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा डाइट की कमी के कारण भी मूड बदल सकता है। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर समझ जाएं कि अब खून की जांच कराने की जरूरत है।

मूड में बदलाव

अगर किसी संक्रमण के लक्षणों को महसूस कर रहे हैं, तो ब्‍लड टेस्‍ट कराना चाहिए। इससे आपको बीमारी का पता चल जाएगा। हालांकि, ऐसी जांच डेली रूटीन में शामिल नहीं होती, है बल्कि तभी कराते हैं, जब कोई लक्षण महसूस कर रहे हों।

इंफेक्शन होने पर

इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।

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