चोट लगने पर खून बहता है तो पहले पानी से साफ करें। फिर ऐसी बैंडेज का इस्तेमाल करें. जो चोट पर एकदम फिट आए। अगर चोट ज्यादा है तो बैंडेज न लगाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बैंडेज का चुनाव सबसे अहम है। हल्की चोट में इस्तेमाल किए जाने वाले बैंडेज को स्ट्रिप बैंडेज कहते हैं। चोट के मुताबिक, बैंडेज का चुनाव कर सकते हैं. जैसे- प्रेशर बैंडेज, मोलस्किन, गौज पट्टी आदि।
कई बार ऐसा होता है कि चोट लगने पर खून बहने लगता है और हम फटाफट उसपर बैंडेज लगा लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। सबसे पहले खून को बहने से रोकें और बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं। गहरी चोट के लिए डॉक्टर से मिलें।
बैंडेज लगाने का सही टाइम होता है, जब खून बहना बंद हो जाएं। फिर बैंडेज निकालें और स्ट्रिप हटाकर चोट पर लगा दें। इसे ज्यादा टाइट भी न होने दें।
कई लोग कटने या चोट लगने पर बिना सफाई किए ही बैंडेज का यूज कर लेते हैं, जो इंफेक्शन बढ़ाने का काम कर सकता है। इससे परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए बैंडेज का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है।