Amritsar Tourist Places: अमृतसर नहीं गए तो क्या घूमा, ये हैं टॉप 10 डेस्टिनेशन
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अमृतसर का स्वर्ण मंदिर दुनियाभर में मशहूर है। इसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। 1604 में बनकर तैयार हुए इस मंदिर को बनाने में करीब 23 साल का समय लगा। 5.1 मीटर गहरी झील से यह चारों तरफ से घिरा है।
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)
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स्वर्ण मंदिर के बगल में अकाल तख्त स्थित है। यह सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक है। यहां सिख धर्म की बहुत पुरानी पवित्र पुस्तक और लिपियां आज भी मौजूद है।
अकाल तख्त (Akal Takhat)
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अमृतसर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान की सीमा है। अमृतसर धूमने आने वालो लोग बाघा बॉर्डर को देखने के लिए जरूर जाते हैं। यहां सूर्यास्त से पहले रोजाना परेड आयोजित होती है, जो काफी आकर्षक होता है।
वाघा बॉर्डर (Wagah Border)
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अमृतसर का जलियांवाला बाग अंग्रेजी हुकूमत की दरिंदगी को बयां करती है। 13 अप्रैल 1919, वैशाखी पूर्णिमा के दिन जनरल डायर ने यहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलावा कर हजारों लोगों की निर्मम हत्या करवा दी थी।
जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh)
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पार्टीशन म्यूजियम में ब्रिटिश काल के समाचार पत्र और न्यूज पेपर आज भी संग्रहित कर के रखे हुए हैं। यहां आप आजादी के समय छपे अखबारों के लेख को देख और पढ़कर अंदाजा लगा सकते हैं हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए कितना संघर्ष किया।
पार्टीशन म्यूजियम (Partition Museum)
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इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए गोविंदगढ़ किला बेहद ही आकर्षण का केंद्र है। 1760 में बने इस किले का निर्माण गुज्जर सिंह द्वारा ‘भईज दा किला’ ने करवाया था। यहां राजा रानियों के वस्त्र, आभूषण और औजार आज भी देखने को मिल जाते हैं।
गोविंदगढ़ किला (Gobindgarh Fort)
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अमृतसर का दुर्गियाना टेंपल माता दुर्गा को समर्पित है। इसे सिल्वर टेंपल और शीतला माता के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के मुताबिक यहीं पर श्री राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को उनके पुत्र और लव कुश ने पकड़ा था।
दुर्गयाना टेम्पल (Durgiana Temple)
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अमृतसर के राम तीर्थ मंदिर महर्षि वाल्मीकि जी को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के जब भगवान राम ने माता सीता का त्याग किया था तब वाल्मीकि जी ने उन्हें यहीं आश्रय लिया था और लव-कुश का यहीं जन्म हुआ था।
राम तीर्थ मंदिर (Ram Tirath Mandir Amritsar)
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वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए अमृतसर का हरिके वेटलैंड और पक्षी अभयारण्य एक फेबरेट डेस्टिनेशन है। कछुए की सात अलग-अलग प्रजातियों के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के कई जीव जंतु देखने को मिल जाता है।
हरिके वेटलैंड और पक्षी अभयारण्य (Harike Wetland & Bird Sanctuary)
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