हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आंवला नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदे टपकती हैं। मान्यता है कि जो जातक आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं उनकी सेहत अच्छी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु ने कूष्मांड राक्षस का वध किया था, जिसके कारण इसे तिथि को कूष्मांड नवमी भी कहा जाता है।