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इनकम टैक्स में मिल सकती है कम आय वालों को छूट, सरकार ने दिए संकेत

Government Can Give Relief In Income Tax Rate : मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का आम बजट अगले महीने पेश करेगी। इसमें निचले स्लैब में आने वाले टैक्सपेयर्स को छूट दी जा सकती है। हालांकि इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सरकार की तरफ से कुछ ऐसे संकेत मिले हैं।

इनकम टैक्स बिल 2025 पास होने के बाद आयकर को लेकर कई नियम बदल जाएंगे।
Government Can Give Relief In Income Tax Rate : मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का बजट अगले महीने पेश करेगी। इस बजट में कम आय वालों को छूट मिल सकती है। इसके संकेत सरकार ने दिए हैं। हालांकि इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अगर सरकार बजट में यह फैसला लेती है तो इससे कम आय वाले टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। इस महीने संसद का सत्र शुरू होगा और नए सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष भी चुना जाएगा। अगले महीने मानसून सत्र शुरू होगा जिसमें बजट पेश किया जाएगा।

ऐसे मिले संकेत

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के आगामी पूर्ण बजट में सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए इनकम टैक्स में राहत पर विचार करने की आवश्यता है। यह इसलिए क्योंकि इस समय मुद्रास्फीति की दर ऊंची है और इससे निम्न वर्ग को राहत की जरूरत सबसे ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा है कि निचले स्लैब के टैक्सपयर्स के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है या टैक्स की दरों में कमी की जा सकती है। [caption id="attachment_753567" align="alignnone" ] इनकम टैक्स में हो सकती है कटौती।[/caption]

आर्थिक गतिविधियां होंगी तेज

एक्सपर्ट का कहना है कि इनकम टैक्स में छूट मिलने पर लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा और उनकी खपत बढ़ेगी। यह पैसा मार्केट में आएगा जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। हालांकि एक अधिकारी के मुताबिक इनकम टैक्स में छूट बढ़ाने से सरकार को रेवेन्यू में नुकसान होगी लेकिन डिस्पोजेबल इनकम बढ़ने से खपत बढ़ेगी। इससे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रेवेन्यू में भी तेजी आएगी।

अभी दो तरह की व्यवस्था हैं

इनकम टैक्स भरने की अभी देश में दो तरह की व्यवस्थाएं पुरानी व्यवस्था (Old Regime) और नई व्यवस्था (New Regime) है। पुरानी व्यवस्था उन लोगों के लिए सही है जो होम लोन की ईएमआई दे रहे हैं या कहीं इंश्योरेंस/हेल्थ इंश्योरेंस या दूसरे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। वहीं नई व्यवस्था उनके लिए ठीक है जिनकी नई जॉब लगी है। जिनकी डिडक्शन सेक्शन 80 में कम है या न के बराबर है और जिसपर होम लोन या ब्याज की देनदारी नहीं है।

किसके लिए फिट है पुरानी व्यवस्था

  • जो अपनी बचत को लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस या दूसरी टैक्स सेविंग्स स्कीम्स में इन्वेस्ट करते हैं।
  • 80G के तहत दान देकर डिडक्शन हासिल कर सकते हैं।
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किसके लिए बेहतर है दूसरी व्यवस्था

  • नई नौकरी है। सैलरी कम है और पैसा इन्वेस्ट नहीं किया है।
  • पुराने एम्प्लॉई, जिन्होंने किसी भी प्रकार का निवेश नहीं किया है और न ही उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई लोन है।
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